Chhattisgarh | CGPSC ने परीक्षा में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अपनाया एआई तकनीक
1 min readChhattisgarh | CGPSC adopted AI technology to prevent corruption in exams
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) ने परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेने का फैसला किया है। इस तकनीक से परीक्षा कक्ष में लाइव वीडियो और फोटो के माध्यम से फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा जा सकेगा। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्रों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग और बायोमीट्रिक डिवाइस से परीक्षार्थियों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
सीजीपीएससी की 2021 की परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोप लगने के बाद आयोग ने यह तरीका अपनाया है। इसका पहला प्रयोग परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक सितंबर को 16 केंद्रों में किया जा चुका है, जो सफल रहा।
एआई तकनीक से उपस्थित अभ्यर्थी की परीक्षा कक्ष में खींची गई तस्वीर और अभ्यर्थी द्वारा ऑनलाइन आवेदन के समय अपलोड की गई तस्वीर का 102 बिंदुओं को आधार बनाकर मिलान किया जाएगा। इस दौरान अपलोड दोनों तस्वीरों में अंतर मिलने पर परीक्षा कक्ष में खींची गई तस्वीर का देशभर में पूर्व में आयोजित परीक्षाओं में शामिल लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों की तस्वीर से मिलान करने की व्यवस्था है। इसके अलावा आधार प्रमाणीकरण की व्यवस्था भी लागू कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री व तकनीकी शिक्षा मंत्री विजय शर्मा ने कहा, “हम सीजीपीएससी की परीक्षाओं को यूपीएससी की तरह ही पारदर्शी बनाएंगे। हमारी सरकार का यह उद्देश्य है कि यह व्यवस्था पूरी तरह से निष्पक्ष हो। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।”
इस नई व्यवस्था से परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थियों को रोकने में मदद मिलेगी और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।