CG Regularization Of Contract Workers | सुप्रीम कोर्ट ने रखा हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
1 min readCG Regularization Of Contract Workers | Supreme Court upheld the High Court’s decision
रायपुर। संविदाकर्मियों नियमितिकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। दरअसल हाईकोर्ट ने संविदा शिक्षकों को नियमित करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ सरकार कोर्ट गयी और चुनौती दी, कि संविदाकर्मियों को नियमित करने का कोई प्रावधान ही नहीं है।पूरा मामला छत्तीसगढ़ का है। दरअसल प्रदेश के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कार्यरत संविदा शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वर्ष 2018 में दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी है।
शीर्ष अदालत ने तीन माह के भीतर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के उस निर्णय का पालन करने को कहा है। इसमें कोर्ट ने ऐसे याचिकाकर्ता सभी संविदा प्राध्यापकों को नियमित करने का निर्देश दिया है।हाईकोर्ट के फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दायर एसएलपी में कहा था कि, संविदा पर काम करने वाले इन शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
दिसंबर 2018 में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2019 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के तर्क को खारिज कर दिया है। इस अपील में सरकार ने तर्क दिया था कि, इन शिक्षकों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। कोर्ट में जस्टिस, बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत मिश्र और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया था। शीर्ष कोर्ट ने सिर्फ अदालती लड़ाई लड़ने वाले करीब 75 संविदा शिक्षकों को नियमित करने के आदेश दिए हैं।
यह साफ किया गया है कि कानूनी लड़ाई लड़ने वाले सभी संविदा शिक्षक ही नियमितीकरण के पात्र होंगे।गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश जारी होने के दिन से आगामी तीन माह के भीतर ही हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश का पालन करने का स्पष्ट निर्देश राज्य शासन को दिया गया है। इसके साथ ही शासन की स्पेशल लीव पिटीशन खारिज कर दी गई है। मामले में छत्तीसगढ़ शासन का पक्ष एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल भारत और अन्य ने रखा। संविदा शिक्षकों की ओर से सीनियर एडवोकेट अनूप चौधरी, एडवोकेट दीपाली पाण्डेय और अन्य अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद रहे।