September 21, 2024

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Cg Raid Breaking | रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई समेत छत्‍तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में CBI का छापा

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CG Raid Breaking | CBI raids in various districts of Chhattisgarh including Raipur, Bilaspur, Durg-Bhilai

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग फर्जीवाड़ा केस में सीबीआई ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई समेत छत्‍तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में छापेमारी की है। यह छापेमारी सीजीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के तहत की गई है।

सीबीआई की टीम ने बुधवार सुबह राजधानी रायपुर समेत छत्‍तीसगढ़ के कई अन्य जिलों में छापेमारी की। सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा बरामद किए हैं। जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ल के बिलासपुर के ठिकानों छापा मारा गया है। राजेंद्र शुक्ला के बेटे का चयन भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था।

वहीं सीबीआई की टीम ने राजभवन के पूर्व सचिव अमृत खलको के रायपुर के स्‍वर्णभूमि स्थित आवास पर छापेमारी की है। राजभवन के पूर्व सचिव के बेटे और बेटियों का भी छत्‍तीसगढ़ राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2021 में चयन हुआ था।

सीबीआई की इस कार्रवाई ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी है और इससे सीजीपीएससी द्वारा कराए गए परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों ने घोटाले की गहराई से जांच करने का आश्वासन दिया है और इस मामले में जल्द ही ठोस कदम उठाए जाने की बात कही है।

सीजीपीएससी घोटाले में अब तक दो एफआईआर दर्ज –

बता दें कि छत्तीसगढ़ में सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर अब तक दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में दर्ज किया गया है। सीजीपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए शासन के निर्देश पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने भी केस दर्ज किया है।

जानें क्‍या है सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा मामला –

दरअसल, छत्‍तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा 2021 के अंतर्गत 170 पदों की चयन सूची 11 मई 2023 को जारी की गई थी। इसमें टॉप-15 नामों में भाई-भतीजावाद का आरोप लगा है। 17 मई को भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर पीएससी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

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