September 22, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Chhattisgarh | बैगा आदिवासियों की मौत का कारण डायरिया नहीं, विभिन्न कारणों से हुई मौत

1 min read
Spread the love

Chhattisgarh | Diarrhea is not the cause of death of Baiga tribals, they died due to various reasons

रायपुर। ग्राम सोनवाही में बैगा आदिवासियों की मृत्यु के संबंध में जांच के लिए कवर्धा कलेक्टर ने तीन सदस्यीय टीम बनायी थी। इसटीम के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में  बैगा आदिवासियों की मौत डायरिया से नहीं बल्कि अन्य कारणों से होना पाया गया। जांच टीम मेंलोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीशामिल थे।

    जांच टीम ने संयुक्त रूप से ग्राम का भ्रमण कर तथा ग्रामवासियों और मृतकों के परिजनों से चर्चा कर जो तथ्य पाए हैं उसके अनुसारमहिला बैगा आदिवासी फुलबाई के पति ने ये जानकारी दी है उन्होंने जंगली मशरूम खाया था जिसके बाद उसकी पत्नी और बेटे दोनोंकी तबीयत खराब हो गयी थी और फिर पत्नी की मौत हो गयी। एक अन्य मामले में मृतक सुरेश धुर्वे को पेट दर्द की शिकायत थी, मितानिन द्वारा उसके घर जाकर सरकारी अस्पताल ले जाकर ईलाज कराने के सलाह देने के बावजूद चिकित्सा लाभ लेकर स्वयं घरेलूउपचार करने के कारण उसकी मौत हो गयी। अन्य प्रकरण में ललेश्वरी नाम की बैगा आदिवासी महिला सामान्य प्रसव होने के बादअपने मायके लालघाट मध्यप्रदेश चली गई थी। और वहीं उसकी तबीयत बिगड़ने से मौत हो गयी। सोनसिंह नामक मृतक की तबीयतखराब थी।

ग्राम सोनवाही में स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य कर्मियों एवं मितानिनों द्वारा डोर टू डोर रैपिड फीवर सर्वे कराकर सभी संभावितों कीजांच उपचार किया जा रहा है तथा ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति वर्तमान में ग्राम सोनवाही की स्थिति सामान्य है।

इसी तरह से कबीरधाम जिले के बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के पाराटोला ग्राम सरेंडा निवासी तीन ग्रामीणों की मृत्यु काकारण अलगअलग है।  कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट दी है। कलेक्टरके निर्देश पर सरेंडा ग्राम में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है।

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणो की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक केपरिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पूछताछ में बताया गया कि सरेंडा की निवासी मृतक पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह 75 वर्षकी थी। पिछले कुछ वर्षों से लकवा रोक से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी। धीरेधीरे शारीरिक कमजोरीबढ़ने के कारण घर पर ही मृत्यु हो गई।

मृतक सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा का उम्र 70 वर्ष की थी। पिछले दो वर्षों से लकवा ग्रस्त थी। उसे खाना खाने में बहुत तकलीफहो रही थी। पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी नहीं थी। इसी प्रकारमृतक अनिता बैगा पिता महासिंह उम्र 29 वर्ष की थी, वह 6 माह की गर्भवती थी। उन्हें उल्टीदस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या केसाथ 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उन्हे जिला अस्पतालकवर्धा में रिफर किया गया। जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ भींम राव अम्बेडकर स्मृतिचिकित्सालय रायपुर में भर्ती किया गया, उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को गंभीरता से लेते हुए सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्यअधिकारी, कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश हैं कि सतत ग्रामीण क्षेत्रों को भ्रमण कर जलजनित बीमारीकी जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य शिविर लगाना सुनिश्चित करें और पेयजल स्रोतों में क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *