Chhattisgarh | अब अटक-अटक कर नहीं, सांय-सांय जाएगी मितानिन बहनों के बैंक खाते में राशिः मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
1 min readChhattisgarh | Now the amount will go to the bank accounts of Mitanin sisters every evening, not intermittently: Chief Minister Shri Vishnudev Sai
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना पर काम करना शुरू कर दिया है और इसकी शुरूआत स्वस्थ छत्तीसगढ़ की बात के साथ की है। मुख्यमंत्री साय ने आज राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में राज्य भर से आई हुई हजारों मितानिन बहनों के सामने कहा कि उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और वो राज्य मे सुशासन की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस सफर में राज्य भर में काम कर रही लगभग 72 हजार मितानिन बहनों का भी अमूल्य योगदान है जिनके दम पर राज्य मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में अभूतपूर्व सुधार हासिल करने मे कामयाब हुआ है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मितानिन बहनों को नवा सौगात देते हुए उन्हें हर माह उनके प्रोत्साहन राशि को सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करने की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर राज्य स्तर से मितानिन प्रोत्साहन राशि का सीधे बैंक खाते में अंतरण किया। इस अंतरण से राज्य भर की मितानिन बहनों के खाते में 90 करोड़ 8 लाख 84 हजार 20 रुपए का अंतरण हुआ। इस राशि में केंद्र एवं राज्य के अंश के साथ ही मितानिन प्रोत्साहन राशि भी शामिल है। ये राशि 69 हजार 607 मितानिन बहनें, 3 हजार 448 मितानिन प्रशिक्षक, 289 ब्लॉक समन्वयक, 176 स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, 26 शहरी क्षेत्र समन्यवक एवं 285 मितानिन हेल्प डेस्क समन्वयक को राज्य स्तर से एक साथ भुगतान की गई।
मुख्यमंत्री ने मितानिन बहनो को संबोधित करते हुए कहा कि पहले उन्हें कई चरणों में अटक अटक कर राशि मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और हर महीने सांय सांय उनके खाते में पैसे आएंगे। उन्होंने कहा कि मितानिन बहनें छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था का आधार हैं जो सुदूर क्षेत्रों में जाकर भी इमानदारी से काम करती हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मितानिन बहनों के लगन और समर्पण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मितानिन राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं जिन्होंने ग्रामीण अंचलों के अंतिम छोर तक स्वास्थ्य की बागडोर संभाल रखी है। उन्होंने कहा कि पहले भी मितानिनों को बैंक में राशि दी जाती थी, लेकिन ये राशि ब्लाक स्तर अनियमित अंतराल पर आती थी और उसमें केंद्र, राज्य तथा स्वयं के अंश की जानकारी नहीं होती थी। नई व्यवस्था में मितानिन बहनों को प्रतिमाह राशि उनके बैंक खाते में मिलेगी जिसमें उनके केंद्र, राज्य और स्वयं के प्रोत्साहन राशि की जानकारी भी मितानिन पासबुक के माध्यम से मिलेगी। जायसवाल ने कहा कि मितानिन बहनों की मेहनत के कारण ही छत्तीसगढ़ मे संस्थागत प्रसव की दर लगातार बढ़ रही है और लोगों में जागरुकता फैल रही है, उन्होंने कहा कि मितानिन बहनों के कारण पूरे देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र मे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन हो रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से आई हुई मितानिन बहनों से बात भी की और उन्हें मितानिन पासबुक देकर शाल एवं फल से सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक अनुज शर्मा, विधायक गुरू खुशवंत साहेब, विधायक इंद्र कुमार साहू, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में मितानिन कार्यकर्ता उपस्थित थीं।