BREAKING : वर्षों अजीत जोगी के साथ काम करने के बाद इस विधायक ने की कांग्रेस में वापसी…
1 min read
रायपुर । अजीत जोगी के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन रायपुर में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के अनुमति से उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन के समक्ष जनता कांग्रेस को छोड़ कांग्रेस में वापसी की। ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री निवास पहुंच कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। ज्ञानेंद्र उपाध्याय अजीत जोगी के बहुत ही करीबी माने जाते हैं। अजीत जोगी के चुनाव की कमान ज्ञानेंद्र उपाध्याय के हाथों में ही रहती थी। उनका कांग्रेस में वापस जाना जनता कांग्रेस एवं अमित जोगी के लिए बड़ा झटका है।
ज्ञानेंद्र 1980 से सक्रिय राजनीति में हैं। वे जनपद अध्यक्ष और मंडी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांग्रेस में भी वे विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैे। इनके द्वारा अब तक मरवाही में 7 विधानसभा और लोकसभा चुनाव का संचालन पार्टी की ओर से किया किया गया। ज्ञानेंद्र पिछले 20 वर्षों तक अजीत जोगी के निकटतम सहयोगी रहे। कांग्रेस पार्टी में प्रवेश करते हुए ज्ञानेंद्र ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यों से व्यक्तिगत रूप से हमेशा प्रभावित होते रहा हूं। उनके नेतृत्व में राज्य में मजबूती के साथ सरकार बेहतर काम कर रही है। उन्हीं से प्रभावित होकर मैंने कांग्रेस वापसी का निर्णय लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैने 20 वर्षों तक अजीत जोगी के साथ काम किया। उनके साथ कार्य का अनुभव अलग था, लेकिन मैं अमित जोगी के व्यक्तित्व से कभी प्रभावित नहीं रहा। मैं उनके साथ काम नहीं कर सकता।
अब ऐसे वक्त में जब अमित जोगी मरवाही से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, अजीत जोगी के करीबी रहे ज्ञानेंद्र का कांग्रेस में जाना बडा नुकसान साबित हो सकता है। जब तक अजीत जोगी जीवित थे उन्होंने पूरी पार्टी को मजबत संगठन के साथ बांध रखा था, लेकिन अमित के हाथों से यह डोर छूटती दिख रही है। दूसरी ओर अजीत जोगी द्वारा स्थापित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ पार्टी के कांग्रेस में विलय की भी चर्चा राजनीति के गलियारों में हो रही है। अजीत जोगी ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर इस पार्टी का गठन किया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी फिलहाल इस तरह के किसी भी मसौदे को खारिज कर रही है। ज्ञानेंद्र से पहले युवा जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी व अन्य कई नेतओं ने जनता कांग्रेस छोड़ कांग्रेस में वापसी की थी।