Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन, बच्चों में छिपी प्रतिभा और हुनर में आ रहा निखार
1 min readChhattisgarh | Summer camp organized in schools of Chhattisgarh, hidden talent and skills of children are improving
रायपुर। ‘कहीं दीवारों पर तो कहीं किताबों पर नन्हे हाथों से ड्राइंग करते दिखाई दे रहे हैं बच्चे। कोई गा रहा है, कोई डांस कर रहा है और कोई अभिनय। पत्तों से कलाकारी, सब्जियों से चित्रकारी, रंगीन चावल की कला, मिट्टी से खिलौना निर्माण, धागे से डिजाइन बनाना और मुखौटा निर्माण जैसी रोचक गतिविधियों में बच्चे डूबे हुए हैं। अलग-अलग भाव के साथ बच्चों के चेहरे पर विजय मुस्कान दिखाई दे रही है।
यह नजारा है छत्तीसगढ़ राज्य की स्कूलों का। गर्मी की छुट्टियों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बच्चों में रचनात्मकता के लिए सकारात्मक व नवाचारी पहल की है। बस्तर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर व सरगुजा संभाग तक बच्चे खुशनुमा माहौल में खेल-खेल में बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान सीखने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश को छत्तीसगढ़ के स्कूलों के माध्यम से बालक-पालक व शिक्षकों तक पहुंचाने का यह अनूठा तरीका है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस समर कैंप का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन के साथ स्वस्थ वातावरण में उनकी छिपी हुई प्रतिभा को उभारना और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है। समर कैंप को सफल बनाने सचिव श्री परदेसी द्वारा प्रतिदिन एक-एक कड़ी जोड़ी जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को जहां प्रदेश में स्वेच्छा से समर कैंप आयोजित करने कहा गया है। वहीं खेल संघो एवं अन्य संस्थाओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। यह उल्लेखनीय है कि समर कैंप बच्चों के एक साथ आने और मौज मस्ती करने का एक विशेष शिविर है। वे घर से दूर सुरक्षित वातावरण में नए साहसिक प्रयास करते हैं और नई चीज़ सीखते हैं। इस प्रकार उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित होती है। वे नए दोस्त भी बनाते हैं और मेल जोड़ बढ़ाते हैं, जिससे उनके सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास होता है।
राज्य में ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन सुबह 7 से 9.30 बजे तक आयोजित किया जा रहा है। यह कैंप पूर्णतः स्वैच्छिक है। बच्चों के लिए यह बहुत अच्छा कार्यक्रम है। सभी बच्चों में कुछ न कुछ प्रतिभा होती है। बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने से उनका परिणाम भी बेहतर होता है।
स्कूल शिक्षा विभाग के कुशल मार्गदर्शन में लोक शिक्षण संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के संयोजन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्वरित क्रियान्वयन हेतु संभाग व जिले के अधिकारियों को प्रशासनिक व वित्तीय प्रशिक्षण भी प्रशासन अकादमी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।