Ashoka Biryani Case | अशोका बिरयानी की सभी ब्रांच सील, कर्मचारियों के मौत मामले में परिवार को मिलेगा 15-15 लाख और प्रतिमाह 15-15 हजार रुपए मुआवजा
1 min readAshoka Biryani Case | All branches of Ashoka Biryani sealed, in case of death of employees, the family will get compensation of Rs 15-15 lakh and Rs 15-15 thousand per month.
रायपुर। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र के लाभांडी में संचालित अशोका बिरयानी सेंटर गटर साफ करने के दौरान दो कर्मचारियों के मौत मामले में स्वजनों को 15-15 लाख रुपए मुआवजा के साथ जीवनभर 15-15 हजार रुपए प्रतिमाह देगा।दरअसल, घटना के दूसरे दिन देर रात जमकर हंगामा हुआ। स्वजनों ने होटल के दरवाजे पर दोनों लाशें रखकर नारेबाजी की। वहीं रात करीब नौ बजे विधायक मोतीलाल साहू भी धरने पर बैठ गए। विरोध के बाद देर रात तेलीबांधा पुलिस ने अशोका बिरयानी सेंटर प्रबंधन पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
परिजनों से मिलने पहुंचे गृह मंत्री विजय शर्मा
पुलिस द्वारा एमडी केके तिवारी, सीईओ सनाया तिवारी, जीएम रोहित चंद, ब्रांच मैनेजर रोमिना मंडल पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया है। जीएम रोहित चंद व बीएम रोमिना मंडल पत्रकारों से मारपीट के मामले में पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं प्रदर्शन कर रहे स्वजनों से मिलने देर रात गृह मंत्री विजय शर्मा अशोका बिरयानी सेंटर पहुंचे। उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बता दें कि इलेक्ट्रीशियन नीलकमल कुमार पटेल और डेविड साहू की गटर साफ करने के दौरान गुरुवार को मौत हो गई थी। मौत का कारण जहरीली गैस बताया गया है। बिरयानी सेंटर प्रबंधन ने स्वजनों सही जानकारी नहीं दी थी। इस पर शुक्रवार को क्रांति सेना और साहू समाज दोपहर 12 बजे से धरने पर बैठ गए।
मांगा एक करोड़ मुआवजा
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई मांग के साथ ही स्वजनों ने एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की। आरोप है कि प्रबंधन ने दोनों पर दबाव बनाया था, इसलिए विवश होकर उतरे और उनकी जान चली गई। मृतक के स्वजन शवों को सुरक्षित रखने के लिए अपने साथ फ्रीजर भी साथ लाए थे। प्रबंधन पर सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने का भी आरोप लगाया गया है।
तीन दिन के लिए अशोका बिरयानी की सभी ब्रांच सील
हादसे के बाद अशोका बिरयानी की सभी ब्रांच को तीन दिनों के लिए सील कर दिया गया है। स्टेशन रोड, पचपेड़ी नाका, लाभांडी महोबा बाजार और रायपुरा वाली ब्रांच पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। साथ ही नोटिस देकर प्रबंधन से तीन दिनों में जवाब मांगा है। कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने कहा कि जांच में पाया गया कि कई ब्रांचों के गुमास्ता लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है। कुछ जगहों पर साफ-सफाई संबंधी समस्याओं के कारण इन्हें सील कर दिया गया।