Chhattisgarh Judicial Academy | छत्तीसगढ़ न्यायिक अकादमी में संविधान दिवस का गरिमामय आयोजन
1 min readChhattisgarh Judicial Academy Dignified celebration of Constitution Day at Chhattisgarh Judicial Academy
न्यायपालिका के समक्ष मौजूद चुनौती एवं निराकरण विषय पर संगोष्ठी आयोजित
मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा के प्रयासों से राज्य की न्यायिक व्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार
रायपुर। उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में 26 नवम्बर को छत्तीसगढ़ न्यायिक अकादमी द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संविधान दिवस के अवसर पर मुख्य न्यायाधीश सिन्हा ने समस्त न्यायाधीशों को संविधान दिवस की बधाई दी है। गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश सिन्हा संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल के लिए नई दिल्ली प्रवास पर है। संविधान दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास एवं विशिष्ठ अतिथि जस्टिस राकेश कुमार पांडेय सहित राज्य के सभी जिलों के जिला न्यायाधीश, माननीय उच्च न्यायालय रजिस्ट्री के अधिकारी गण और बिलासपुर जिले में पदस्थ न्यायाधीश गण शामिल हुए।
कार्यक्रम के आरंभ में उपस्थित न्यायाधीशों द्वारा संविधान की उद्देशिका का पठन किया गया। इस अवसर पर जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि संविधान के पालन में न्याय व्यवस्था को सरल बनाकर जन-जन को इससे जोड़ना न्यायाधीशों का प्राथमिक कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान में नागरिकों को अनेक अधिकार प्रदान किए गए है। न्यायपालिका का यह दायित्व है कि पारदर्शी न्याय व्यवस्था बनाए रखते हुए हर व्यक्ति को न्याय मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। व्यास ने इस अवसर पर न्यायपालिका के समक्ष की मौजूद चुनौती जैसे आधारभूत संरचना की कमी, न्यायाधीशों की कमी, प्रकरणों की अधिक संख्या आदि के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जस्टिस राकेश कुमार पांडेय द्वारा भारतीय संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला गया । उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान नागरिकों के हितों और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। जस्टिस पाण्डेय संविधान दिवस के महत्व और उदेश्य, संविधान के निमार्ण एवं विकास में योगदान देने वाले सभा के सम्मानीय सदस्यों के बारे में भी संक्षेप में जानकारी दी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा राज्य में न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ और न्याय की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिसके चलते न्यायालयों की व्यवस्था एवं सुविधाओं में अपेक्षित सुधार दिखाई देने लगा है। उच्च न्यायालय भवन बिलासपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना, संविधान की उद्देशिका की पट्टिका और राष्ट्र चिन्ह अशोक स्तंभ की स्थापना, मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा की विशेष प्रयासों से हुई है, जिससे उच्च न्यायालय परिसर की गरिमा और बढ़ी है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ न्यायिक अकादमी के द्वारा 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर राज्य के समस्त जिलों के जिला न्यायाधीश की संगोष्ठी आयेजित की गई थी। इस संगोष्ठी का उद्ेश्य न्यायपालिका के समक्ष मौजूद चुनौती एवं उनके निराकरण हेतु उठाये जाने वाले कदनों के संबंध में चर्चा करना था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने बीते सात माह में राज्य के समस्त जिलो का भ्रमण कर न्यायालयों में नजर आने वाली कमियों को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किये हैं। उनके कार्यभार संभालने के बाद राज्य के जिला न्यायालयों की कार्य शैली में सकारात्मक बदलाव आया है। मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा के द्वारा न केवल राज्य न्यायिक अकादमी में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में व्यक्तिगत रूचि लेकर स्तर को बेहतर बनाया है, बल्कि संविधान की मंशा के अनुरूप राज्य के स्वास्थ सेवाओं, निर्माण कार्यों, शिक्षा हेतु बच्चों के स्कूल पहुंचने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पर स्वमेव संज्ञान लेकर इन समाचारो को आधार जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर इन अव्यवस्थाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण आदेश पारित किये हैं।