आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं घर-घर जाकर लेंगी लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं घर-घर जाकर लेंगी लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने की महिला एवं बाल विकास और
समाज कल्याण विभाग की समीक्षा
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान: प्रदेश के 62 हजार से
अधिक बच्चे हुए कुपोषण मुक्त
भूपेश बघेल ने लॉकडाउन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भूमिका को सराहा
गौठानों में महिला समूहों को मुर्गी पालन और शहद उत्पादन से जोड़ा जाए
@thenewswave.comरायपुर, 18 मई 2020
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर रेडी टू ईट की सामग्री और सूखा राशन वितरित करने तथा कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों की जानकारी देकर लोगों को जागरूक करने के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नये मरीज मिल रहे हैं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुनः घर-घर भेजकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए और संदिग्ध मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य की जांच करायी जाए।
मुख्यमंत्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय पर आयोजित महिला और बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, समाज कल्याण विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग जनमेजय महोबे और संचालक समाज कल्याण पी. दयानंद उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इस अभियान के परिणाम स्वरूप प्रदेश के 62 हजार 617 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन अवधि के सुरक्षात्मक उपायों के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा 24 लाख 38 हजार हितग्राहियों को रेडी टू ईट और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 3 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों को सूखा राशन घर-घर पहंुचाया जा रहा है और बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का काम भी किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं और बच्चों को पोषण आहार पहंुचाने और लोगों को जागरूक करने के कार्य की सराहना की है।