September 21, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

छत्तीसगढ़ में असाक्षरों को साक्षर बनाने संचालित होगा ’पढ़ना लिखना अभियान‘

1 min read
Spread the love

छत्तीसगढ़ में असाक्षरों को साक्षर बनाने संचालित होगा ’पढ़ना लिखना अभियान‘ : आकांक्षी जिलों को मिलेगी प्राथमिकता

केन्द्र सरकार से मिली मंजूरी

रायपुर, 17 मई 2020

छत्तीसगढ़ राज्य में असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए ’पढ़ना लिखना अभियान‘ संचालित किया जाएगा। अभियान के अंतर्गत असाक्षरों को पढ़ाया जाएगा। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के असाक्षरो को साक्षर करने के लिए “पढना लिखना अभियान” को स्वीकृति प्रदान की गई है। केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित आकांक्षी जिलों में इस अभियान को प्राथमिकत दी जाएगी। इस आशय का पत्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि “पढ़ना लिखना अभियान” की इस नई योजना में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। यह अभियान स्वयंसेवी शिक्षको पर आधारित होगा। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में 10 आकांक्षी जिले हैं। इन जिलों में बुनियादी साक्षरता का यह क्रार्यक्रम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रो में संचालित होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश को एक वर्ष में दो लाख 50 हजार लोगो को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है। ज्ञात हो कि पूर्व में साक्षर भारत कार्यक्रम मार्च 2018 में बंद हो गया था, जिसमें प्रदेश में असाक्षर शेष रह गए थे। इस नई योजना में स्कूल कालेज के विद्यर्थियो के अलावा एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र सहित अन्य स्वयंसेवी को प्रोत्साहित किया जायेगा।
साक्षरता कार्यक्रम का स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य निकायों की तरह अकादमिक समर्थन का कार्य राज्य स्तर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् एवं जिला स्तर पर डाईट के माध्यम से किया जायेगा। जो राज्य स्तर पर ’बस्टेट सेंटर फॉर लिटरेसी‘ (SCL) द्वारा ई-सामग्री, ई-बुक्स एवं विडिओ व्याख्यान विकसित किये जायेंगे। मोबाइल फोन, एप्प शिक्षार्थियों और स्वयंसेवी अनुदेशकों के लिए निःशुल्क रहेगा।
राज्य स्तर पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की तर्ज पर अब जिलो में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का गठन किया जायेगा। विकासखंड स्तर,नगरीय निकाय स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए समितियों का गठन होगा। यह अभियान चार माह के चक्रों में संचालित होगा, जिसमें शिक्षार्थियों का आंकलन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन संस्थान के द्वारा मूल्यांकन वर्ष में 3 बार आयोजित किया जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *