Chhattisgarh | निजी स्कूलों को छोड़कर स्वामी आत्मानंद स्कूलों में दाखिला लेने वाले 1.20 लाख विद्यार्थियों के परिजनों को हुई 210.54 करोड़ रूपए की बचत
1 min readChhattisgarh | Families of 1.20 lakh students who enrolled in Swami Atmanand schools instead of private schools saved Rs 210.54 crore
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में संचालित स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्कूल ‘‘क्वालिटी एजुकेशन एट जीरो कॉस्ट‘‘ का सफल मॉडल बन कर उभरा है। यहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क मिल रही है। शासन की शिक्षा के क्षेत्र में की गई इस नवाचारी पहल से जुड़कर प्रदेश के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 01 लाख 20 हजार 778 बच्चों के परिजनों द्वारा फीस के रूप में खर्च की जाने वाली लगभग 210 करोड़ 54 लाख रूपए राशि की बचत हुई है। परिजनों को निजी स्कूलों की भारी भरकम फीस के कारण होने वाले आर्थिक बोझ से बड़ी राहत मिली है। ये सभी बच्चे गरीब व निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों से है, जिन्होंने आर्थिक कारणों से निजी स्कूलों को छोड़कर शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्कूलों में दाखिला लिया है।
स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्कूलों में निजी स्कूलों से भी बेहतर अधोसंरचनाओं का निर्माण किया गया और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश स्तर पर योजना की सूक्ष्म समीक्षा कर इसके क्रियान्वयन का सतत आंकलन किया जा रहा है। आंकलन के दौरान पाया गया कि निजी स्कूलों के भारी भरकम फीस की वजह से गरीब, मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा पाना संभव नहीं था। यदि ये परिजन अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे होते तो उन्हें अपने बच्चों के लिए लगभग 210 करोड़ रूपए की फीस भरनी पड़ती। ऐसे में इन परिजनों के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्कूल बड़ा सहारा बना और अब उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क मिल रही है।
गौरतलब है कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में निजी स्कूलों से आए 96 हजार 226 विद्यार्थियों के परिजनों को लगभग 180 करोड़ 74 लाख रूपए की बचत तथा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूलों में निजी स्कूलों से आए 24 हजार 552 विद्यार्थियों के परिजनों को लगभग 29 करोड़ 79 लाख रूपए की बचत हुई है। प्रदेश में 727 स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम स्कूल संचालित किए जा रहे हैं।