November 1, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

अप्रैल में ही 21 राज्यों को 971 अरब रुपये की चोट, अकेले छत्तीसगढ़ को 22.82 अरब का नुकसान,जानें- कोरोना ने कितना किया नुकसान

1 min read
Spread the love

अप्रैल में ही 21 राज्यों को 971 अरब रुपये की चोट, अकेले छत्तीसगढ़ को 22.82 अरब का नुकसान,जानें- कोरोना ने कितना किया नुकसान

देश में कोरोना संकट की वजह से उद्योग प्रभावितराज्यों का लॉकडाउन के चलते हो रहा है नुकसान
कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लागू हुए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है. क्रेडिट एजेंसी ‘इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च’ के ताजा अनुमानों के मुताबिक, लॉकडाउन के चलते अप्रैल में भारत के 21 प्रमुख राज्यों को 971 बिलियन (971 अरब) रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.

कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्य महाराष्ट्र को सबसे अधिक 132 अरब रुपये के राजस्व नुकसान हुआ. इसके बाद उत्तर प्रदेश (111.20 अरब रुपये), तमिलनाडु (84.12 अरब रुपये), कर्नाटक (71.17 अरब रुपये) और गुजरात (67.47 अरब रुपये) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री और निदेशक डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, “केंद्र और राज्य, दोनों सरकारें नकदी प्रवाह में कमी के संकट से जूझ रही हैं, लेकिन राज्यों की समस्याएं ज्यादा अनिश्चित हैं क्योंकि Covid-19 के खिलाफ वास्तविक लड़ाई राज्य लड़ रहे हैं और उससे संबंधित खर्च भी वे खुद ही कर रहे हैं.”

सिन्हा ने आगे कहा, “मौजूदा परिस्थितियों में, केंद्र सरकार से राज्य सरकारों को मिलने वाली प्राप्तियों की मात्रा और समय के बारे में कोई निश्चितता नहीं है. इसके अलावा, राज्यों में राजस्व के अपने खुद के स्रोत अचानक निचले स्तर तक गिर गए हैं. इसके चलते राज्य सरकारों को कर्म खर्चीले उपाय अपनाने पड़ रहे हैं और राजस्व उत्पन्न करने के नये तरीकों का सहारा लेना पड़ रहा है.”

रेवेन्यू कलेक्शन में हो रही दिक्कत

अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन सभी राज्यों के राजस्व प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा, विशेषकर उन राज्यों पर जिनके राजस्व का बड़ा हिस्सा वे खुद उत्पन्न करते हैं. कुछ राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्ट (वैट) में वृद्धि की की है और बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी के साथ शराब बिक्री की अनुमति दी है. गुजरात, तेलंगाना, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्य अपने राजस्व का 65-76 फीसदी अपने खुद के स्रोतों से प्राप्त करते हैं.

आर्थिक संकट का सामना कर रहे राज्य

राज्यों के पास राजस्व के सात प्रमुख स्रोत हैं. ये हैं: स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (SGST), राज्य द्वारा लगाया जाने वाला वैट (पेट्रोलियम उत्पादों पर), स्टेट एक्साइज (मुख्य रूप से शराब पर), स्टांप और रजिस्ट्रेशन फीस, वाहनों पर लगने वाले टैक्स, बिजली पर लगने वाले टैक्स और ड्यूटीज और राज्य के नॉन-टैक्स रेवेन्यू. राज्यों के बजट आंकड़ों के संशोधित अनुमान से पता चलता है कि सभी प्रमुख राज्यों को शायद ही इन स्रोतों से कोई राजस्व प्राप्त हुआ हो.

राज्यों की घटी आय

राज्यों को लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं से राजस्व का एक छोटा सा हिस्सा ही प्राप्त हुआ है. एसजीएसटी, वैट, बिजली कर और शुल्क जो मुख्य आय के स्रोत हैं, उनका बड़ा हिस्सा लॉकडाउन के चलते नहीं मिल पाया. इस तरह के बेहद कम कर संग्रह के चलते राज्यों को अप्रैल, 2020 में बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *