Chhattisgarh | कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल शिक्षा और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को लिखा पत्र
1 min readChhattisgarh | For the prevention of conjunctivitis, the Health Department wrote a letter to the School Education and Tribal and Scheduled Caste Development Department
रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्कूल शिक्षा और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संचालक को परिपत्र जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों विभागों को स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों तथा आश्रम-छात्रावासों में कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को इस संक्रमण के लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी देने भी कहा है।
संचालक, महामारी नियंत्रण द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को जारी परिपत्र में कहा गया है कि राज्य में मौसम के कारण “आँख आने की बीमारी” (कंजक्टिवाइटिस) बढ़ गई है। यह सम्पर्क से फैलने वाली बीमारी है जो सघन रहवासी क्षेत्र में अधिक फैलता है। राज्य में संचालित विद्यालय, आवासीय विद्यालय, आश्रम-छात्रावास एवं छात्रावास में छात्र-छात्राएं समूह में रहते हैं जिनमें यह बीमारी फैल सकती है। उन्होंने दोनों विभागों द्वारा संचालित संस्थाओं में इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है।
संचालक, महामारी नियंत्रण ने अपने परिपत्र में कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों, उपचार और इससे बचाव के बारे में भी जानकारी दी है। उन्होंने परिपत्र में कहा है कि कंजक्टिवाइटिस आंख की आम बीमारी है जिसे हम आँख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की आँख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आँसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है।
कंजक्टिवाइटिस होने पर एंटीबायोटिक ड्रॉप जैसे जेंटामिसिन (Gentamicine), सिप्रोफ्लॉक्सिन (Ciprofloxacine), मॉक्सीफ्लॉक्सिन (Moxifloxacin) आई ड्रॉप आँखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है। अन्यथा गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है। कंजक्टिवाइटिस की जाँच एवं उपचार की सुविधा चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है।
कंजक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है जो सम्पर्क से फैलती है। अतः मरीज को अपनी आँखों को हाथ न लगाने की सलाह देनी चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आँख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।