Chhattisgarh | सांप के काटने पर बिना देर किए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में कराएं इलाज
1 min readChhattisgarh | Get treated at the nearest health center without delay on snake bite
रायपुर। बारिश का मौसम आते ही जहरीले सांप, बिच्छू व कीड़े-मकोडों के काटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। सांप, बिच्छू या जहरीले कीड़े के काटने पर पीड़ित का तत्काल उपचार करने से उसकी जान बचाई जा सकती है। वर्षा का पानी बिलों में भरने और बिलों के तापमान में होने वाले परिवर्तन के कारण सांपों को बिलों से बाहर निकलना पड़ता है। सुरक्षित स्थान और खाने की तलाश में सांप अकसर घरों या बाड़ियों में घुस जाते हैं और सर्पदंश की घटना होती है। सर्पदंश की स्थिति में तत्काल पीड़ित को एंटी स्नेक वेनम लगाया जाना आवश्यक है।
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र गहवई ने बताया कि लगातार बढ़ रहे सर्पदंश के मामलों को देखते हुए जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्नेक वेनम रखने की व्यवस्था की गई है। कई बार जहरीले सांप के काटने पर एक से डेढ़ घंटे के भीतर पीड़ित को इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो जाती है। इसलिए पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के लिए लेकर जाना चाहिए।
डॉ. गहवई ने बताया कि सभी सांप जहरीले नहीं होते हैं। अधिकांश मौतें सांप काटने के बाद घबराहट में हो जाती है। वर्तमान में जहरीले सांप के काटने पर भी इलाज मौजूद है। एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन देने से सांप के जहर को पीड़ित के शरीर से कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में झाड़-फूंक या बैगा-गुनिया के चक्कर में न पड़ें और बिना देर किए अस्पताल में सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के मामले अधिक –
सर्पदंश के ज्यादातर मामले वनांचलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। अधिकांशतः ग्रामीण बारिश के मौसम में भी जमीन पर सोते हैं। इससे उनके सर्पदंश के शिकार होने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने सर्पदंश से बचने के लिए ग्रामीणों को बारिश के मौसम में जमीन पर नहीं सोने और सर्पदंश की स्थिति में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार लेने की सलाह दी है।