Chhattisgarh | रेडीमेड कपड़ों के निर्माण से खुला रोजगार का सुगम द्वार
1 min readChhattisgarh | Easy door of employment opened by manufacturing of readymade garments
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में रोजगार, स्व-रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। विशेषकर ऐसे क्षेत्रों में जहां रोजगार के कोई अवसर उपलब्ध नहीं थे, वहां आज स्थानीय स्तर पर नियमित रोजगार के रास्ते खुले हैं। इन क्षेत्रों में अब हर वर्ग के लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। इस दिशा में पहल करते हुए सरकार गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) बना रही है, जो स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता के साथ क्षेत्रीय सहभागिता से उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है।
बालोद जिले के ग्राम मार्री बंगला में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में रेडीमेड वस्त्रों के निर्माण से महिला समूहों को न केवल रोजगार मिल रहा है, बल्कि उन्हें अच्छी खासी आमदनी भी हो रही है। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए रेडिमेड वस्त्र निर्माण इकाई से 8 से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है। यहां संचालित रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई रोजगार उपलब्ध कराने का कारगर माध्यम बन गया है। यहां ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रूचि का व्यवसाय मिल रहा है। महिलाओं द्वारा रेडीमेड वस्त्रों के निर्माण से उन्हें अब तक 2 लाख 56 हजार रुपये की आमदनी मिल चुकी है।
इस रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई में पेटीकोट, टी-शर्ट के रेडीमेड वस्त्र निर्माण किया जा रहा है। इस रेडीमेड इकाई में निर्मित सामग्रियों का मूल्य 06 लाख 97 हजार रुपये तथा उत्पादित सामग्रियों की कुल लागत 04 लाख 91 हजार रुपये है। इस इकाई में सांई बाबा स्व-सहायता समूह, जय मां तुलसी स्व-सहायता समूह, भारत माता स्व-सहायता समूह, जय गंगा मईया स्व-सहायता समूह, जय मां शाकम्भरी स्व-सहायता समूह, जय मां दंतेश्वरी स्व-सहायता समूह, मीनिमाता स्व-सहायता समूह, नर्मदा स्व-सहायता समूह आदि की महिलाएं जुड़ी हैं।
रीपा से जुड़ी महिलाएं बताती है कि अपने घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद सभी सदस्य रीपा में आकर रेडीमेड वस्त्र तैयार कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी प्राप्त हो रही है। उन्होंने महिलाओं को रोजगार प्रदान के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।