Big News For CG | पूर्व मंत्री राजेश मूणत को हाईकोर्ट से झटका, नाइट चौपाटी को लेकर लगाई याचिका खारिज !
1 min readBig News For CG | Former minister Rajesh Munat got a shock from the High Court, the petition regarding Night Chowpatty was dismissed!
रायपुर। पूर्व मंत्री राजेश मूणत द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। पूर्व मंत्री का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। पूर्व मंत्री ने अनुपम गार्डन, राजकुमार कालेज के पास बनाए जा रहे यूथ हब, ग्रीन कारीडोर व वेंडिंग जोन पर रोक लगाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी। उनके द्वारा यह तर्क दिया गया था कि यूथ हब ग्रीन कारीडोर डेवलपमेंट प्लान, 2011 (रिवाइज्ड प्लान, 2021) के विरुद्ध था।
यूथ हब, ग्रीन कारीडोर और वेंडिंग जोन बनाए जाने का मामला –
हाई कोर्ट ने इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए कि यूथ हब ग्रीन कारीडोर का कार्य मई-2023 में पूर्ण हो चुका है के आधार पर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। मामले में रायपुर स्मार्ट सिटी व शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीशचंद वर्मा व अधिवक्ता अनिमेश तिवारी ने पैरवी की।
इधर, पूर्व मंत्री का कहना है कि नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी ने एजुकेशन हब में चौपाटी का निर्माण के संबंध में गलत तथ्य प्रस्तुत करके कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया है। हम हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। सुप्रीम कोर्ट में अपील करके नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा पेश किए गए गलत तथ्यों को उजागर करेंगे।
उन्होंने कहा कि जिस दिन एजुकेशन हब में चौपाटी का विरोध शुरू हुआ था, तब खेल एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी को ज़मीन ट्रांसफर नहीं की गई थी। कोर्ट में कहा गया है कि चौपाटी का निर्माण पूर्ण ही चुका है, जबकि जनता के साथ छह महीने से अवैध चौपाटी की लड़ाई जारी है।
दस दिनों तक धरना –
चौपाटी हटाओ की मांग को लेकर भाजपा नेता राजेश मूणत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने दस दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया था। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की ओर से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की जांच के आश्वासन के बाद भाजपा ने धरना स्थगित करने का फैसला लिया था।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से की गई थी शिकायत –
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात कर रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 300 से अधिक प्रोजेक्ट में व्याप्त भ्रष्टाचार के संबंध में ज्ञापन सौंपा था। प्रतिनिधि मंडल ने कहा था कि हमारे पास लिस्ट है, जिसमें स्मार्ट सिटी द्वारा 185 योजनाओं को पूर्ण बताया जा रहा है, जो फर्जी है।
129 कार्यों को प्रगतीरत बताया जा रहा है, जिसमें से कई कार्य अस्तित्व में ही नहीं हैं। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हुए कार्यों को लेकर विस्तृत जांच की जरूरत है। पूरी 314 परियोजनाएं, जिनमें से कुछ को छोड़कर सभी में अनियमितताएं एवं लापरवाही है। भाजपा की शिकायत की जांच के लिए केंद्रीय टीम कुछ दिनों पहले रायपुर आई थी। टीम ने स्मार्ट सिटी कार्यालय समेत कई स्थानों की जांच की थी।