Chhattisgarh | वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ को कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त बनाने का लक्ष्य
1 min readChhattisgarh | Target to make Chhattisgarh corneal blindness free by the year 2025
रायपुर. स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह ने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में राज्य में नेत्र सेवाओं के क्षेत्र में सफलतापूर्वक सेवा प्रदायगी व शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने पर राज्य नोडल अधिकारी एवं सभी जिलों के नोडल अधिकारियों की सराहना करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में और अधिक आपरेशन करने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री सिंह ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2025 तक कार्नियल ओपेसिटी फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान, महामारी नियंत्रण के संचालक एवं अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित विभिन्न जिलों से आए विशेषज्ञ डाक्टर भी बैठक में शामिल हुए।
समीक्षा बैठक में राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना तथा संसाधनों की आवश्यकता की जानकारी दी। बैठक में नेत्र सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने तथा शिविरों में आपरेशन नहीं करने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य में पिछले वित्तीय वर्ष में कुल एक लाख 35 हज़ार 113 मोतियाबिंद ऑपरेेेेेेेेशन किए गए हैं। यह संख्या प्रदेश में एक वर्ष में अब तक किए गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में सर्वाधिक है। भारत सरकार द्वारा मोतियाबिंद आपरेशन का वास्तविक लक्ष्य एक लाख सात हजार 800 एवं राज्य स्तर पर एक लाख 25 हजार रखा गया था। इसके साथ ही 32 हजार 603 अन्य नेत्र रोग के ऑपरेशन भी किये गये हैं। अपेक्षित लक्ष्य के विरूद्ध सर्वाधिक मोतियाबिन्द आपरेशन में रायपुर जिला पहले, सूरजपुर दूसरे और बलौदाबाजार-भाटापारा तीसरे स्थान पर रहा। बैठक में इन तीनों जिलों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
बैठक में शासकीय अस्पतालों (जिला चिकित्सालय/सिविल अस्पताल/सी.एच.सी.) में अपेक्षित लक्ष्य के विरूद्ध सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन करने वाले जिला चिकित्सालयों को भी प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। इसमें धमतरी जिला प्रथम, रायगढ़ द्वितीय एवं बलौदाबाजार-भाटापारा तृतीय स्थान पर रहा।
राज्य में सबसे अधिक संख्या में नेत्र आपरेशन करने वालीं जगदलपुर जिला चिकित्सालय की डॉ. सरिता निर्मल, द्वितीय स्थान पर रहने वालीं रायगढ़ जिला चिकित्सालय की डॉ. मीना पटेल एवं तृतीय स्थान पर रहे धमतरी जिला चिकित्सालय के डॉ. जे.एस. खालसा को भी बैठक में सम्मानित किया गया। ज्यादा संख्या में नेत्र आपरेशन करने वाले सर्जनों डॉ. रोजश सूर्यवंशी, जिला चिकित्सालय धमतरी, डॉ. आर.एस. सेंगर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया, डॉ. तेरस कंवर, जिला चिकित्सालय सूरजपुर, डॉ आर. मेश्राम, जिला चिकित्सालय रायगढ़, डॉ. आर.के. अवस्थी, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा, डॉ. प्रभा सोनवानी, सिम्स मेडिकल कालेज बिलासपुर और डॉ. तरूण कनवर, जिला चिकित्सालय बीजापुर को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
प्रदेश में अब तक नेत्रदान के 400 लक्ष्य के विरूद्ध 244 नेत्रदान प्राप्त किये गये हैं। राज्य में 6 नेत्र बैंक तथा 4 कॉर्निया प्रत्यारोपण केन्द्र पंजीकृत हैं, जिनको जिला आबंटित कर दिया गया है। संबंधित केन्द्र द्वारा चिन्हित रोगियों के परीक्षण पश्चात उपयुक्त होने पर प्राप्त कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। ‘‘कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना’’ के अंतर्गत वर्ष 2025 तक राज्य को कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त बनाने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां शासकीय अस्पतालों द्वारा नेत्र रोग से पीड़ित मरीजों को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर लाने-ले जाने के लिये अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत 7 जिले केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री
राज्य में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत सात जिलों ने केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री
(Cataract Blindness Backlog Free) स्टेटस प्राप्त किया है। कबीरधाम यह स्टेटस हासिल करने वाला देश का पहला जिला है। रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, धमतरी, राजनांदगांव और बालोद ने भी यह स्टेटस प्राप्त कर लिया है।