November 23, 2024

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Rural and Cottage Industry Policy-2022 | ग्रामीण क्षेत्रों में अब छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों का होगा विकास, बढ़ेगें रोजगार के अवसर

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Rural and Cottage Industry Policy-2022 | Now small cottage industries will be developed in rural areas, employment opportunities will increase

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लागू नवीन औद्योगिक नीति, सिंगल विंडो सिस्टम, कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता के परिणमास्वरूप राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर निर्मित छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2019-24 निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही है। पिछले चार वर्षों मंे 2218 नवीन उद्योग स्थापित हुए हैं। इन उद्योगों में 21 हजार 457 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश हुआ है और 40 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार प्रदान कर उनकी आमदनी को बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति-2022 लागू की गई है।

ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, गांव होंगे समृद्ध

राज्य में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन देने के तहत 600 करोड़ रूपये की लागत से 300 रूरल एण्डस्ट्रीयल पार्क की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। साथ ही 5 वर्षों के भीतर प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति में छोटे निवेशकों को सेवा क्षेत्र में उद्यम के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे विकासखण्डों जिनमें पारंपरिक रूप से ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग प्रचलित है, उन विकासखण्डों को उच्च प्राथमिकता विकासखण्ड के रूप में वर्गीकृत कर सामान्य से अधिक अनुदान प्रदान किये जा रहे है। इस नीति के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक नहीं कि इकाई ग्रामीण क्षेत्र में ही स्थापित हो। ग्रामीण क्षेत्रों की भांति ही शहरी क्षेत्रों में अर्बन इण्डस्ट्रीयल पार्क की स्थापना का कार्य भी किया जा रहा है।

पारम्परिक कलाकारों को मिलेगा नया बाजार, बढ़ेगी आमदनी

राज्य की पारम्परिक कलाओं जैसे हैण्डलूम वीविंग, मधु मक्खी पालन, लाख, जड़ी बुटी संग्रहण, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प, बांस शिल्प, गोबर एवं गौ मूत्र से बने उत्पाद, वनोपज से बने उत्पाद, अगरबत्ती, मोमबत्ती निर्माण, सिलाई, बुनाई इत्यादि को उच्च प्राथमिकता एवं प्राथमिकता निर्धारित कर विशेष प्रोत्साहन प्रदान किये जा रहे हैं। इस नीति के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। आईटीआई, पॉलिटेक्निक आद में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी तथा भविष्य के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।

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