ओपीजेयू में IEEE प्रायोजित तीन-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन (OTCON 2.0) का आयोजन 8 फरवरी से
1 min read(“इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट” विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन में देश-विदेश से प्रबुद्ध विद्वान एवं 150 से अधिक प्रतिभागी होंगे शामिल)
रायगढ़ , 3 फरवरी 2023
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय , रायगढ़ द्वारा IEEE प्रायोजित “इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर तीन-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन (OTCON 2.0) का आयोजन 8 फरवरी से 10 फरवरी 2023 के दौरान किया जायेगा। इंस्टीट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) द्वारा प्रायोजित इस द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन हाइब्रिड (फिजिकल एवं वर्चुअल दोनों ) माध्यम से किया जाएगा। सम्मेलन के संयोजक डॉ. भूपेश देवांगन ने बताया की आज दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के कगार पर है और उभरती हुई नई-नई डिजिटल टेक्नोलॉजीज तेजी से पूरे मूल्य श्रृंखला को बाधित कर रही हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का उद्देश्य दुनिया भर के उद्योग और शिक्षा के शोधकर्ताओं, शासकीय प्रतिनिधियों, उद्योगों और कॉर्पोरेट जगत से शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं तथा सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साझा मंच प्रदान करना; और इंटेलिजेंट कंप्यूटिंग, संचार और नेटवर्किंग, नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली प्रणाली, जैव सूचना विज्ञान, हेल्थकेयर, आईओटी के बहुआयामी क्षेत्र में अपने-अपने शोध, निष्कर्ष और परिणामो को सभी के साथ साझा करने का अवसर प्रदान करना है, जिससे सतत विकास की सभी संभावनाओं की तलाश की जा सके।
विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सम्मेलन के चेयरमैन डॉ. आर. डी. पाटीदार ने कहा की इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय पर आधारित यह सम्मेलन सम्पूर्ण मध्य भारत में एक विशेष औद्योगिक सम्मेलन है, जिसमे इंटेलिजेंस सिस्टम, कंप्यूटर और संचार प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंटर-डिसिप्लिनरी आदि के क्षेत्रों मे शोध एवं विकास से संबन्धित दुनिया भर के शिक्षाविद, शोधकर्ता, और अन्य सभी संबंधित एकत्रित होकर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श एवं चिंतन कर सम्बंधित क्षेत्रों में सतत विकास हेतु सार्थक योजनाओं के निर्माण की पहल करने का प्रयास करेंगे। यह सम्मेलन IEEE MP अनुभाग और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (छत्तीसगढ़ सरकार) द्वारा प्रायोजित है। इस सम्मेलन में अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई दारुस्सलाम, चीन, डेनमार्क, मिस्र, घाना, गिनी-बिसाऊ, भारत, मलेशिया, मोरक्को, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, स्पेन, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि जैसे 20 से अधिक देशों से आये एवं स्वीकृत 150 से अधिक तकनीकी पेपर हाइब्रिड मोड में प्रस्तुत किए जाएंगे और आईईईई एक्सप्लोर प्रोसीडिंग्स पर प्रकाशित किए जाएंगे जो कि स्कोपस इंडेक्सेड है। इस तीन- दिवसीय सम्मेलन मे उदघाटन एवं समापन सत्रों के आलावा कीनोट, पैनल डिस्कशन-सत्र एवं तकनीकी-सत्र आयोजित किए जाएंगे।
सम्मेलन का उद्घाटन 8 फरवरी को जिंदल सेंटर, रायगढ़ के सभागार में डॉ. आलोक कुमार चक्रवाल (कुलपति- गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर ) श्रीमती शालू जिंदल (चांसलर -ओपी जिंदल विश्वविद्यालय , रायगढ़), डॉ. नरेंद्र एस चौधरी ( कुलपति – आसाम साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी), श्री रामबिलास पचौरी (प्रोफ़ेसर-आईआईटी, इंदौर), श्री बिमलेंद्र झा (एमडी – जेएसपी ग्रुप कम्पनीज ), श्री सब्यसाची बंदोपाध्याय (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर- जेएसपी, रायगढ़) एवं डॉ आर. डी. पाटीदार (कुलपति – ओपी जिंदल विश्वविद्यालय , रायगढ़) एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियो की उपस्थिति में होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मलेन में डॉ. क्रिश्चियन ब्लम (सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट (IIIA), स्पेन), डॉ. सिंथिया फर्स (प्रोफेसर, यूटा विश्वविद्यालय, सह-संस्थापक लाइव वायर इनोवेशन, यूएसए), डॉ. रवि प्रकाश (प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास डलास, यूएसए), डॉ. मार्सिन (प्रोफेसर, पोलिश विज्ञान अकादमी, पोलैंड), डॉ. सुरभि भाटिया (किंग फैसल विश्वविद्यालय, सऊदी अरेबिया), डॉ. चंद्रप्रकाश भुजेटिया(एनआईटी दिल्ली), डॉ. रवि तोमर (सीनियर आर्किटेक्ट, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स लिमिटेड, भारत), डॉ. वी. एस. राव (वाइस चांसलर, एसआरएम यूनिवर्सिटी, अमरावती) एवं डॉ. गयाधर पांडा (डीन और प्रोफेसर, एनआईटी मेघालय) आदि प्रमुख वक्ता होंगे।
ज्ञातव्य हो कि रायगढ़ के पुंजिपथरा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में (राज्य बिल अधिनियम 13) देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह – जिंदल ग्रुप द्वारा देश और विदेश के छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। विश्वविद्यालय विश्वस्तर के पाठ्यक्रम, विश्वस्तरीय शिक्षक, आधुनिक शिक्षण विधियाँ, अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे और शिक्षार्थियों को एक जीवंत परिसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित यह विश्वविद्यालय इस्पात प्रौद्योगिकी और प्रबंधन का सबसे विशिष्ट और विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनने की ओर अग्रसर है।