Chhattisgarh | मुख्यमंत्री ने की मुक्तेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चना, प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए मांगा आशीर्वाद
1 min readChhattisgarh | The Chief Minister offered prayers at the Mukteshwar Shiva temple, sought blessings for the happiness, prosperity and prosperity of the people of the state.
रायपुर। मुख्यमंत्री ने धरसीवा विधानसभा के चरोदा में मुक्तेश्वर शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने यहाँ आसपास के गाँवों से बड़ी संख्या में आये लोगो से भेंट मुलाक़ात की। इस दौरान खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, स्थानीय विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
मंदिर का इतिहास –
यह स्थल भारतीय प्राचीन सभ्यता का प्रतीक है. वर्तमान में जहाँ पर यह विशाल शिव मंदिर है, पूर्व में यह टीले के रूप में था, टूटे-फूटे ईंटो के टुकड़ें एवं ऊपर में दो नारी मूर्तियाँ थी जिसे लोग महामाई के रूप में पूजते थे.
इस टीले के ठीक पूर्व की ओर एक गड्ढ़ा था जिसमें हमेशा पानी भरा रहता था, यहाँ अभी बावली है. ग्रामवासी इस स्थल की रहस्य को जानने टीले की खुदाई 1969 में प्रारंभ कर दी. इस दौरान ईंट के टुकड़े, टूटी-फुटी मूर्तियाँ पत्थर के बड़े- बड़े खंभे, एक चौकोर नींव परकोटा मिला दूसरा नींव बीच में जो कि प्राचीन मुख्य मंदिर का था. जलहरी के टूटे भाग निकलने के बाद ग्रामीणों को अंदर शिवलिंग दबे होने का विश्वास हो गया खुदाई जारी रहा कुछ दिनों में ही शिवलिंग की प्रतिमा प्राप्त हुई इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि इस स्थल पर प्राचीनकाल में विशाल मंदिर था.
संभव है इस परिक्षेत्र को चारोधाम के नाम से जाना जाता था जो कि कालान्तर में उच्चारण चारोधा फिर चरोदा हो गया। इस स्थल की प्राचीन महत्ता के कारण ही गाँव वालों ने मंदिर निर्माण करने का निर्णय, गाँव के प्रत्येक घर से श्रमदान तथा निर्धारि चंदा एकत्रित कर यहाँ विशाल मंदिर का निर्माण किया तथा खुदाई से प्राप्त शिवलिंग को मुख्य मंदिर में 1973 में प्रतिस्थापित किया गया, उसी समय से यहाँ प्रतिवर्ष पौष पूर्णिमा (रिघेरा) पुन्नी को तीन दिवसीय विशाल मेला लगता है, ऐसी मान्यता है कि मुक्तेश्वर भगवान भोलेनाथ के दर्शन तथा बावली के पवित्र जल के आचमन करने से भक्तों के सभी मनोकामना पूरी होती हैं।