Chhattisgarh | मुख्यमंत्री से भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने की मुलाकात
1 min readChhattisgarh | Trainee officers of Indian Forest Service met the Chief Minister
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि जंगल में हम इमारती लकड़ी के बजाय फलदार वृक्ष अधिक से अधिक संख्या में लगाए इससे वहां के निवासियों को रोजगार मिलेगा, आय बढ़ेगी और जंगल की रक्षा भी होगी। इससे पलायन भी रूकेगा और शहरों में आबादी का बोझ कम होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि आप सभी से युवा अधिकारियों से काफी उम्मीदें है, हमें विश्वास है कि आप इनमें खरे उतरेंगे। आप लोगों ने जो हमारी सरकार की प्रमुख योजनाओं का अध्ययन किया है, उसे देश के अन्य हिस्सों में क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगे।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के डायरेक्टर जनरल श्री भारत ज्योति ने छत्तीसगढ़ की लघु वनोपज की प्रसंस्करण प्रक्रिया और उससे जुड़ी योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह अनूठी योजना है इससे वनवासियों के जीवन स्तर में सुधार आया है। उन्होंने देश के अन्य राज्यों में भी इसे अपनाएं जाने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे पूर्वज भी जंगलों में निवास करते थे और पुराने राजा-महाराजा भी वृद्धावस्था में जंगलों की चले जाते थे और उनकी सारी आवश्यकताए जंगलों से पूर्ति हो जाती थी क्योंकि जंगल में सभी संसाधन उपलब्ध हो जाती थी। मगर बाद में ऐसी परिस्थितियां बनी की हम जंगलों की कटाई करने लगे और जब वृक्षारोपण किया तो, इमारती लकड़ियों का ही अधिक से अधिक रोपण किया और उन्हें कटाते रहे। फलस्वरूप कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। श्री बघेल ने कहा कि हमनें तय किया कि हम प्रदेश में अधिक से अधिक फलदार वृक्ष का रोपण करेंगे और अब तक करीब 22 लाख फलदार वृक्ष लगाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में करीब 36 हजार नाले हैं यहां तक हिमालाय की तराई के बाद सबसे अधिक जल स़़़़़़्त्रोत हमारे छत्तीसगढ़ में है। उसके बाद भी यहां सूखे की समस्या की सामना करना पड़ता था। हमनें नरवा योजना के तहत् जल स्त्रोतों को रिचार्ज किया। इससे जल स्तर में बेहतर सुधार आया। जंगलों में रहने वालों लोगों की पानी की समस्या दूर हुई और उन्हें फलदार वृक्ष से फल मिलने लगे और उन्हें आमदनी भी हुई। साथ ही हमें मानव-हाथी द्वंद्व की समस्या को कम करने में भी मद्द मिली।
प्रशिक्षु अधिकारियों ने लिया मिलेट्स व्यंजनो का आनंद –
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से पूछा कि उन्हें मिलेट्स से बने खादय पदार्थ का स्वाद कैसा लगा। तो उन्होंने कहा बहुत बढ़िया। साथ ही प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी लघु वनोपज प्रसंस्करण और नरवा योजना की भी सराहना की। उन्होंने आज धमतरी जिले के दुगली में लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र का भ्रमण किया। इस दौरान लघु वनोपज से बने खाद्य पदार्थों का स्वाद भी चखा। इस मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय शुक्ला और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।