Tribal Reservation Politics | समाज प्रमुखों को PCC चीफ ने पत्र लिखकर आरक्षण के पक्ष में मांगा समर्थन
1 min readTribal Reservation Politics | PCC chief wrote a letter to the community leaders seeking support in favor of reservation
रायपुर। आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस ने अब आक्रामक रूख अपना लिया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रदेश के सभी समाज प्रमुखों को पत्र लिखा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की 3 जनवरी को होने वाली महारैली में शामिल होने का आमंत्रण भेजा है। मरकाम ने भेजे आमंत्रण में आरक्षण के पक्ष में सभी समाज से समर्थन मांगा है और कहा प्रदेशवासियों के हित में कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही जन अधिकार रैली में आप सब आमंत्रित हैं। मरकाम ने भेजे पत्र में जानकारी दी है कि वे तीन जनवरी को राजीव भवन में दिन भर उपस्थित रहेंगे।प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने सभी समाज प्रमुखों से आग्रह किया है कि वे सभी चर्चा के लिए सादर आमंत्रित है।
आरक्षण पर बोले सीएम, अब आंदोलन ही विकल्प –
आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर न करने के विरोध में तीन जनवरी को रायपुर में जन अधिकार रैली निकालने की तैयारी कर रही कांग्रेस ने एक लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है अब बस यही विकल्प बचा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित सरकार के सभी मंत्री, विधायक, सांसद और प्रदेश पदाधिकारी साइंस कालेज मैदान से राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे। मुख्यमंत्री सहित सभी कांग्रेस नेताओें ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी प्रोफाइल को बदल लिया है और जन अधिकार महारैली का लोगो लगाया है। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट पर मीडिया से चर्चा करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है। उसी में लिखा है कि अब बस यही विकल्प है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं। यदि संतुष्ट नहीं हैं तो आरक्षण्ा संश्ाोधन विधेयक वापस करें। दूसरा राष्ट्रपति को भेज दें, या फिर अनंतकाल तक अपने पास रखें। जब तक वह राज्यपाल हैं, तब तक विधेयक को अपने पास रख सकती हैं। हमसे जो सवाल पूछे गए थे, हम जवाब दे चुके हैं, जबकि वह संवैधानिक नहीं था। भाजपा और राजभवन जानबूझकर आरक्षण विधेयक अटका रहे हैं। इससे प्रदेश के युवाओं, सामाजिक वर्गों का नुकसान हो रहा है। राज्यपाल को संतुष्ट होना ही नहीं है, तो क्या करें। अब हो सकता है कि दूसरे सवाल पूछेंगी। प्रश्न पूछने का बहाना है, ताकि लोगों को बता सकें कि हमने सवाल पूछा है। पूछ लें मैं फिर जवाब दूंगा। मेरा सवाल भाजपा के लोगों से भी है कि राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने को कब कहेंगे।