November 25, 2024

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Morbi Bridge Incidence | 141 लोगों की मौत, गुजरात के मोरबी में मातम, जानें हादसे से जुड़ी 10 बड़ी बातें …

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Morbi Bridge Incident | 141 people died, mourning in Morbi, Gujarat, know 10 big things related to the accident …

रायपुर। गुजरात के मोरबी में रविवार, 30 अक्टूबर को हुए केबल ब्रिज हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. लोगों को बचाने के लिए लगातार राहत और बचाव कार्य चल रहा है. तो वहीं, ब्रिज बनाने वाली कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है. फिलहाल इस हादसे की जांच की जा रही है.

राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 को बताया कि आईजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में इसकी जांच शुरू कर दी गई है. पीड़ित परिवारों को 6-6 लाख मुआवजे का एलान हुआ है. उन्होंने बताया है कि सभी रातभर राहत बचाव के काम में लगे रहे. नौसेना, एनडीआरएफ, एयर फोर्स और आर्मी के जवान घटना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचे. रातभर करीब 200 से ज्यादा जवान तलाशी और राहत कार्यों में लगे रहे.

हादसे से जुड़ी 10 बड़ी बातें –

मोरबी हादसे में सबसे बड़ी बात ये सामने निकलकर आई है कि जिन 141 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है उनमें 40 बच्चे शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक इस हादसे में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है.

राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी ने इस हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है.

बीजेपी सांसद मोहन कुंदरिया के परिजनों की भी इस हादसे में मौत हुई है. सांसद मोहन कुंदरिया की बहन के परिवार के 12 सदस्यों की मौत हो गई. रिश्तेदार बहन की जेठानी के परिवार के सदस्यों, चार बेटियों, चार दामाद और बच्चों की मौत हो गई.

हादसे के बाद गुजरात सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हादसे से जुड़ी जानकारी के लिए 02822243300 नंबर पर कॉल कर पता किया जा सकता है.

सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. गुजरात पुलिस की मरीन टास्क फोर्स ने रातभर मच्छु नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.

पुल की मरम्मत के बाद इसे चार दिन पहले ही खोला गया था. मरम्मत के काम में आठ करोड़ रुपये खर्च हुए. हादसे के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

मच्छु नदी पर बने इस पुल का इतिहास करीब 140 साल पुराना था. इस पुल की बात करें तो यह गुजरात के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक बन गया था. यहां रोज बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे क्योंकि ये पुल हवा में झूलता रहता था और यह बिल्कुल ऋषिकेश के राम और लक्ष्मण झूले जैसा पुल था इसलिए बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे.

संडे को इस पुल पर एक साथ करीब 500 लोग जमा हुए और पुल इतना बोझ नहीं झेल सका. पुल टूटकर नदी में गिर गया, जिससे लोग बहने लगे.

मोरबी में मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण साल 1880 में पूरा हुआ था और इसका उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. उस वक्त इसे बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे.

यह पुल पिछले 6 महीने से मरम्मत की वजह से लोगों के लिए बंद था. 25 अक्टूबर से इसे फिर से लोगों के लिए खोला गया था. इन 6 महीनों में पुल की मरम्मत पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

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