November 8, 2024

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Agri Carnival 2022 | उद्योग और नये स्टार्टअप के लिए युवा पीढ़ी को राज्य सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार – कवासी लखमा

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The state government is ready for all possible help to the young generation for industry and new startups – Kawasi Lakhma

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अनेक कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य की उद्योग नीति में कृषि और वनोपज से जुड़े उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। खाद्य एवं वनोपज प्रसंस्करण के उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, इसके लिए उद्यमियों को भरपूर मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल का मानना है कि राज्य के युवा उद्यमिता से जुड़ेंगे तो वे अन्य लोगों को भी रोजगार देंगे, इससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह विचार रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि सभागार में नवाचार, स्टार्टअप और उद्यमिता पर आयोजित कार्यशाला में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा ने व्यक्त किये।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा ने युवाओं से भी उद्योग के क्षेत्र में आने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनकी पूरी मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में वनवासियों के जमीन और उनके वनाधिकारों को संरक्षित रखते हुए शासकीय जमीन पर उद्योग शुरू करने की पहल सरकार ने की है। राज्य सरकार ने उद्यमियों और नवाचारों के अनुकूल उद्योग नीति लागू की है। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर और आईआईएम कोलकाता के साथ आईजी के.वी. राबी (इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर-एग्री बिजनेस इन्क्यूबेटर) ने एमओयू किया। इसके साथ ही अतिथियों द्वारा आईजी के.वी. के 3 प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लखमा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज भंडार सहित वनोपज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके प्रसंस्करण के लिए राज्य सरकार ने लघु युनिट को बढ़ावा दे रही है। राज्य के प्रोत्साहन से आज बस्तर भी बदल रहा है। दंतेवाड़ा के डेनेक्स में तैयार कपड़े बम्बई और बैंेगलोर में बेचे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र बस्तर और सरगुजा में युवाओें को स्टार्टअप के मार्गदर्शन के लिए शिविर लगाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को आधुनिकतम उन्नत तकनीक और कृषि उद्योग की जानकारी मिल सके। इस दिशा में समाज और छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने का काम कृषि वैज्ञानिक कर सकते हैं।

कार्यशाला में युवा उद्यमियों द्वारा अपने स्टार्टअप के सफलता की कहानी भी साझा की। उन्होंने नये स्टार्टअप शुरू करने के संबंध में युवाओं और किसानों को मार्गदर्शन भी दिया। कार्यशाला में स्टार्टअप एवं निवेशकों के मध्य सेतु का कार्य, स्टार्टअप को बैंक एवं अन्य संसाधनों से ऋण एवं निवेश उपलब्ध कराने सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। इस दौरान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, लगभग 400 युवा उद्यमी तथा कृषि से जुडे़ युवा प्रगतिशील कृषक, कृषि वैज्ञानिक, नाबार्ड की अधिकारी और विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि राजधानी रायपुर में अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के दूसरे दिन भी कृषि प्रदर्शनी के साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों के निदेशकों, कृषि वैज्ञानिकों विभिन्न कृषि उत्पाद निर्माता कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारियों, स्टार्टअप्स उद्यमियों एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक शामिल हुए।

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