November 1, 2024

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Hartalika Teej 2022 | आज महिलाएं करेगी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा, हरतालिका तीज की धूम, जानिए शुभ मुहूर्त

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Today women will worship Lord Shiva and Mother Parvati, celebrate Hartalika Teej, know the auspicious time

रायपुर। हरतालिका तीज का त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी से मूर्तियां बनाई जाती हैं और सुखी विवाहित जीवन और संतान की प्राप्ति के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। तीज का त्यौहार मुख्य रूप से  उत्तर भारतीय महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल तीज का त्योहार 30 अगस्त 2022 यानी आज मनाया जा रहा है। तीज मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में मनाई जाती है।

आइए जानते हैं हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त,पूजा विधि, योग और मंत्र – 

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त –

हरितालिका तीज मंगलवार, अगस्त 30, 2022 को

प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 08 बजकर 53 मिनट तक

अवधि – 02 घण्टे 30 मिनट्स

तृतीया तिथि प्रारम्भ – अगस्त 29, 2022 को शाम 03 बजकर 20 मिनट से

तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 30, 2022 को शाम 03 बजकर 33 मिनट तक

हरतालिका तीज शुभ योग –

रवि योग-    सुबह 06 बजकर 23 मिनट से रात 11 बजकर 50 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से शाम 01 बजकर 04 मिनट तक

विजय मुहूर्त- शाम 02: बजकर 44 मिनट से शाम  03 बजकर 34 मिनट तक

हरतालिका तीज कथा –

एक पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भूखे-प्यासे रहकर तपस्या की। माता पार्वती की यह स्थिति देखकर उनके पिता हिमालय बेहद दुखी हुए। एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के लिए विवाह का प्रस्ताव लेकर आए लेकिन जब माता पार्वती को इस बात का पता चला तो, वे विलाप करने लगी।

एक सखी के पूछने पर उन्होंने बताया कि वे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही हैं। इसके बाद अपनी सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गई और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई। इस दौरान भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की आराधना में मग्न होकर रात्रि जागरण किया। माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छानुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

हरतालिका तीज व्रत पूजन विधि –

हरतालिका तीज पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल को फल-फूलों से सजाकर रखें। एक चौकी लगाएं और उस पर शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान शिव और माता पार्वती के सामने एक दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद श्रृंगार की पिटारी से सुहाग की सारी वस्तुएं रखकर माता पार्वती को अर्पित करें। भगवान को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें. पूजा के बाद हरतालिका तीज की कथा सुनें और गरीबों को इच्छानुसार कुछ दान करें। रात में जागरण करें। सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

हरतालिका तूज पर करें इन मंत्रों का जाप –

पति की लंबी उम्र के लिए करें इस मंत्र का जाप

नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा।
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।

मनचाहे वर के लिए करें इस मंत्र का जाप

हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया।

तथा माम कुरु कल्याणी कांतकांता सुदुर्लाभाम्।।

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