Governor Anusuiya Uikey | राज्यपाल अनुसूइया उइके के कार्यकाल के 3 वर्ष पूर्ण, मीडिया से हुई खास बातचीत …
1 min readGovernor Anusuiya Uikey completes 3 years in office, a special conversation with the media …
रायपुर। राज्यपाल अनुसूइया उइके के कार्यकाल के तीन वर्ष शुक्रवार को पूरे हो रहे हैं। उन्होंने 29 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में काम संभाला था। इन तीन सालों में राज्य सरकार के साथ कई बार टकराहट की स्थिति भी आई। इसे दूर करने के लिए एक सिस्टम बनाया गया, लेकिन राज्यपाल अब भी इस सिस्टम को पूरी तरह कारगर नहीं मानती। अब वे इस तैयारी में भी हैं, कि विभागवार बैठकें लेंगी। उन्होंने ऐसे कई मुद्दों पर मीडिया से बात की।
जानिए उन्होंने क्या कहा –
मीडिया- राजभवन से सरकार को दिए जाने वाले निर्देशों के लिए सिस्टम बना था। इस पर राजभवन को कितना रिस्पांस मिल रहा हैं?
राज्यपाल- सिस्टम पर अभी और काम करने की जरूरत है। मैं अपने द्वारा भेजी फाइलों की माॅनिटरिंग करती हूं। इसके बावजूद महसूस करती हूं कि अभी पचास फीसदी या उससे भी कम रिस्पांस मिल रहा है। भविष्य में विभागवार बैठकें लेने की योजना बना रही हूं।
मीडिया- कुलाधिपति के रूप में विश्वविद्यालयों को कैसे देखती हैं?
राज्यपाल- विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना मेरी प्राथमिकता में है। क्योंकि विवि रैंकिंग में काफी पीछे है। नई राष्ट्रीय शिक्षा को नीति को भी प्रदेश में लागू करना है। पेसा कानून के नए ड्राफ्ट को भी आदिवासियों के हित में जल्द लागू करवाना है।
मीडिया- राज्य सरकार के कृषि व विवि से संबंधित संशोधन विधेयक लंबित हैं?
राज्यपाल- कृषि से संबंधित केंद्रीय बिलों को लेकर प्रदेश सरकार ने अपने बिल लाए थे। केंद्रीय कृषि बिल वापस हो गए हैं, तो केंद्र से मार्गदर्शन मांगा है। विवि से संबंधित बिल को लेकर राष्ट्रपति, एचआरडी, विवि अनुदान आयोग आदि से मार्गदर्शन मांगा है।
मीडिया- राज्य सरकार के कामकाज को कितने नंबर देंगी?
राज्यपाल- प्रदेश सरकार ने नरूवा-गरूवा-घुरवा बारी, गोबर क्रय करने, मातृत्व योजना, महतारी योजना, खेतिहर श्रमिक न्याय योजना, वनोपज से संबंधित योजनाएं, तेंदूपत्ता समेत कई अच्छी योजनाएं गरीबों व किसानों के हित में बनाई हैं। इन पर अमल भी हो रहा है, लेकिन पात्र लोगों को फायदा मिल रहा है या नहीं, यह देखने वाली बात है।
मीडिया- राष्ट्रपति की दौड़ में आप कांग्रेस बैकग्राउंड के कारण तो पीछे नहीं रह गईं?
राज्यपाल- राष्ट्रपति का पद बेहद गरिमा का है। काफी सोच विचार कर ही नाम तय किया होगा। मुझे जो भाजपा ने राजनीतिक रूप से दिया, कम नहीं था। कांग्रेस से कई गुना बढ़कर मुझे भाजपा ने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जिम्मेदारियां दी हैं, जिसकी मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी। हो सकता है राज्यपाल के रूप में मेरा लंबा कार्यकाल बचा है, यह देखा गया हो।