No-Confidence Motion Dropped | छत्तीसगढ़ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिरा, 16 घंटों तक छिड़ी बहस …
1 min readNo-confidence motion dropped in Chhattisgarh assembly, debate raged for 16 hours
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। करीब 16 घंटे चली चर्चा के बाद ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। इस दौरान सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक के बीच चर्चा चलती रही। दोपहर साढ़े बारह बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई और रात करीब 1.15 पर चर्चा खत्म हुई। चर्चा के बाद ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव सदन में अस्वीकृत हो गया।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के तमाम आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का स्लोगन लेकर चल रही है। हमने किसानों, राज्य के लोगों का भला करने के लिए क़र्ज़ लिया। हम व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना बना रहे है स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार, सुपोषण को ध्यान में रखकर काम कर रहे है। दो वर्ष कोरोना के बावजूद शिक्षा, रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर को नल से जल देने की योजना है। हम पहले जल की व्यवस्था कर रहे हैं। नरवा प्रोजेक्ट के जरिए जल संरक्षण कर रहे हैं ताकि सतही जल का उपयोग हो सके। हमने हाट बाज़ार क्लिनिक योजना शुरू की और शहर में स्लम स्वास्थ्य योजना बनाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में आत्मानंद स्कूल की माँग है। 27 विधानसभा का दौरा किया है मैंने आदिवासी क्षेत्रों में बैंक की माँग है। आम जनता की माँग है बैंक खोलने के लिए क्योंकि अब लोगों को पैसा मिल रहा है। अब लोगों को पैसे मिलने लगा है। आदिवासी अंचल की समूह की महिलाएं सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रख रही है काम भी मिल रहा है और सम्मान भी मिल रहा है। विकास, विश्वास और सुरक्षा का मंत्र है। राजनांदगाँव से राझरा, अंतगढ़, नारायणपुर तक सड़के बन रही है। नक्सली अब पलायन कर रहे है। नक्सली 14 ज़िले में थे। नक्सल समस्या हमको विरासत में मिली थी।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि आज किसानो के बारे में कह रहे है। हमने कहा हम किसानो का पूरा धान ख़रीदेंगे चाहे केंद्र से राशि मिले या न मिले। केंद्र सरकार राशि दे या नहीं दे। चावल खरीदे या नहीं खरीदे हम किसानों से धान समर्थन मूल्य में खरीदेंगे। हमने जो वादा किया वह निभाया है ।विपरीत परिस्थितियों के बाद भी रकबा में वृद्धि हुई किसानों की संख्या में वृद्धि हुई। बड़े-बड़े किसान खेती छोड़ चुके थे वह खेती की ओर फिर से मुड़ गए हैं। 30 लाख हेक्टर का पंजीयन हो रहा है।हमारी कोशिश है कि यहाँ के किसानो और मज़दूरों के जीवन में बदलाव आए। गाँव में लोग ख़ाली बैठे थे, पहले क्या स्थिति थी और आज क्या स्थिति है। बड़े बड़े किसान और खेती छोड़ चुके थे लेकिन आज सब फिर से किसानी से जुड़ रहे है। लोग गाँव छोड़कर शहर बसने लगे थे, जब से हमने खेती को लाभकारी बनाया है। रिवर्स मायग्रेशन होने लगा है और आज हमारे गाव बौद्धिक सम्पदा से भरपूर हो रहा है।