November 24, 2024

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बैंक से क्यों आ रहा EMI कटने का मैसेज, क्या अपने आप नहीं मिलेगा EMI टलने का लाभ? जानें कई नई बातें

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बैंक से क्यों आ रहा EMI कटने का मैसेज, क्या अपने आप नहीं मिलेगा EMI टलने का लाभ? जानें कई नई बातें

◆भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना की वजह से टर्म लोन की ईएमआई वसूली तीन महीने तक टालने की बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को इजाजत दे दी है. लेकिन अब भी ग्राहकों को यह मैसेज आ रहा है कि वे ईएमआई के लिए अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें. इससे लोग भ्रमित हैं.

◆क्या कहा था रिजर्व बैंक ने◆

◆कोरोना की वजह से मौद्रिक नीति समीक्षा समय से पहले पेश करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की थी कि बैंकों को यह इजाजत दी जा रही है ​कि वे टर्म लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई वसूली तीन महीने के लिए टाल दें. इस कर्ज वापसी न होने को बैंकों को एनपीए खाते में न रखने की छूट दी जाएगी.

◆गौरतलब है कि होम लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशनल लोन, कार लोन के अलावा कई तरह के रिटेल या कंज्यूमर लोन टर्म लोन में आते हैं.

◆अपने आप मिलेगा फायदा!◆

◆एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि उनके ग्राहकों को इसका फायदा अपने आप मिल जाएगा. शुक्रवार को रिजर्व बैंक की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने कहा था, ‘सभी टर्म लोन पर किश्त अपने आप तीन महीने के लिए टल जाएंगे. ग्राहकों को इसके लिए बैंक में आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी.’

◆एसबीआई के एक चीफ मैनेजर कहते हैं, ‘हमारे चेयरमैन ने कहा कि इस सुविधा का फायदा ग्राहकों को स्वत: ही मिलेगा. रिजर्व बैंक ने कहा है कि तीन महीने के ऐसे ईएमआई डिफाल्ट को एनपीए नहीं माना जाएगा, तो बैंकों को इसका फायदा ग्राहकों को देने में कोई दिक्कत नहीं है. इसके लिए किसी आवेदन की जरूरत नहीं होगी. अगर कोई इस दौरान ईएमआई देता है तो भी ठीक और नहीं देता है तो भी बैंक उसके लिए कुछ नहीं करेंगे. बैंक अपने सिस्टम में इस तरह का बदलाव करेंगे कि लोन ईएमआई को डिफाल्ट मानने का समय तीन महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए.’

◆रिजर्व बैंक के गाइडलाइन में भी यह बात कही गई है कि बैंक अपने सिस्टम में इस तरह का बदलाव करेंगे.

◆नौकरीपेशा लोग इससे बचें तो ही बेहतर◆

◆उन्होंने कहा कि नौकरीपेशा लोगों को इस सुविधा से खास फायदा नहीं है और उन्हें डिफाल्ट से बचना चाहिए, क्योंकि आखिर आगे उनके उपर ही ईएमआई और ब्याज का बोझ बढ़ेगा. यह उन लोगों के लिए मुफीद है, जो बिजनेस या कोई ऐसा काम करते हैं, जिसमें लॉकडाउन की वजह से आमदनी नहीं हो पा रही.

◆बैंक है तैयार, फिर भी क्यों आ रहे मैसेज◆

◆असल में रिजर्व बैंक ने इसका निर्णय बैंकों पर छोड़ दिया है और बैंकों के बोर्ड से मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. वैसे एसबीआई इस मामले में लीडर माना जाता है, एसबीआई जो कुछ करता है, बैंक अक्सर उसी का अनुसरण करते हैं.कई बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने इसके लिए अपने ग्राहकों को सूचना भी भेजनी शुरू की है और वे उनकी मेल से उनकी संस्तुति ले रहे हैं कि उन्हें इस सुविधा का फायदा चाहिए या नहीं इसकी जानकारी दें.

बैंकों से ग्राहकों को जो मैसेज आ रहे हैं, वह एक ऑटोमेटेड सिस्टम की वजह से आ रहे होंगे, जिसके तहत बैंक से एक निश्चित डेट के बाद ग्राहकों को अपने आप मैसेज रिमाइंडर जाने लगते हैं.

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