Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ राज्य का भुइयां कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर मिला पुरस्कार
1 min readBhuiyan program of Chhattisgarh state got award at national level
रायपुर। छत्तीसगढ़ में संचालित भुइयां कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिला है। छत्तीसगढ़ में कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा संचालित लैंड रिकॉर्ड्स प्रोजेक्ट, भुइयां सॉफ्टवेयर को मुंबई में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रतिष्ठित आईएमसी डिजिटल अवार्ड्स 2021 से सम्मानित किया गया है। सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए यह पुरस्कार कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भू-अभिलेख विभाग एवं राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को इस पुरस्कार के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। डिजिटल हस्ताक्षरित भू-अभिलेखों, ऑनलाइन नक्शें की उपलब्धता और पंजीयन विभाग से भुइयां के इंटीग्रेशन होने से डुप्लिकेट पंजीयन की समस्याओं में कमी लाने के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में भू-अभिलेखों को डिजिटाइज करने और लोगों को इसे ऑनलाइन के माध्यम से सहज रूप में उपलब्ध कराने के लिए भुइयां कार्यक्रम बनाया गया है। भुइयां सॉफ्टवेयर नक्शा, खसरा एवं उससे जुड़े जमीन के कागजात को ऑनलाइन प्रस्तुत करता हैं साथ ही संपत्ति के रजिस्ट्री एकीकृत करते हुए डुप्लीकेट रजिस्ट्री के समस्या का समाधान करता है। भुइयां कार्यक्रम राजस्व विभाग के विभिन्न प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने का माध्यम है। इसमें डिजिटल रूप से हस्ताक्षर किए हुए 4 करोड़ कागजात ऑनलाइन उपलब्ध है।
इस सॉफ्टवेयर में प्रोजेक्ट में विभागों के प्रमुख अधिकारियों राजस्व, खाद्य, कृषि, एनसीपीआई, मृदा स्वास्थ्य, वाणिज्यिक कर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और कई अन्य विभागों के सचिव तथा जिला के कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक का लॉग इन आईडी बनाया गया है तथा 3800 से अधिक बैंक को भुइयां से एकीकृत किया गया है, जिससे किसी भूमि पर डुप्लिकेट ऋण प्रदाय किये जाने से रोका जा सकता है एवं ऋण की ऑनलाइन प्रविष्टि भी की जा सकती है। इस पुरस्कार को एनआईसी के वैज्ञानिक सौरभ दुबे ने प्रतिनिधि के तौर पर ग्रहण किया।