November 23, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

UP प्रशासन का अमानवीय चेहरा : बरेली पहुंचे मज़दूरों पर किया गया Disinfectant का छिड़काव, फिर घर भेज दिया

1 min read
Spread the love

UP प्रशासन का अमानवीय चेहरा : बरेली पहुंचे मज़दूरों पर किया गया Disinfectant का छिड़काव, फिर घर भेज दिया

@thenewswave.com बरेली: दुनियाभर के 180 से ज्यादा देशों में एक ओर कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा मंडरा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर संवेदनहीनता से जुड़ी खबरें भी खूब देखने और सुनने को मिल रही हैं. प्रशासन के अमानवीय चेहरे का ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से सामने आया है. यहां कर्मचारियों ने दूसरी जगहों से आए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को सैनिटाइज करने का अनोखा तरीका ईजाद किया है. सभी को जमीन पर बैठाकर उनको डिसइंफेक्ट किया जा रहा है. इसका एक वीडियो सामने आया है. वीडियो वायरल होते ही जिलाधिकारी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देशदिए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश प्रशासन का अमानवीय चेहरा बरेली जिले में देखने को मिला, जहां दिल्ली, हरियाणा, नोएडा से आए सैकड़ों मजदूरों, महिलाओं और छोटे बच्चों को जमीन पर बैठाकर उनके ऊपर डिसइंफेक्ट दवाई का छिड़काव किया गया. जिसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की. इनके ऊपर डिसइंफेक्ट का छिड़काव कर इन्हें अपने घर भेज दिया गया. आंखों में जलन की शिकायत के बावजूद किसी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया.

इस अमानवीय घटना पर बरेली के जिलाधिकारी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है. बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया. सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.’

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसकी निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘देश में जारी जबर्दस्त लॉकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है. सरकार तुरन्त ध्यान दे. बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बॉर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बेआसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाए दो-चार विशेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *