Dhamtari | राजस्व प्रकरणों के निराकरण का दिखावा, अव्यवस्था से परेशान जनता, पटवारी पर अनियमितता का आरोप, आय प्रमाण पत्र के नाम छात्रों से वसूला जा रहा पैसा
1 min readPretend to resolve revenue cases, public troubled by disorder, Patwari remained absent, money being recovered from students in the name of income certificate
दीपक साहू की रिपोर्ट
धमतरी। जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए कलेक्टर पीएस एल्मा के निर्देश में शिविर आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत शुक्रवार को कुरुद विकासखंड के ग्राम परखंदा में आय जाति निवास सहित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए शिविर लगाया गया, जिसमे घोर लापरवाही देखने को मिलीं। शिविर में अव्यवस्था व लापरवाही देख लोगों ने हंगामा किया। खासतौर पर पटवारी को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पटवारी कुंजेश्वर कौशल अपने हल्का मुख्यालय से नदारद रहते हैं। जिसके कारण लोगों को राजस्व संबंधी कामों के लिए भटकना पड़ता है। पटवारी महीनों से हल्का ही नहीं आते और न ही अपने हल्का नम्बर में बैठते हैं। अगर पटवारी नियमित रूप से अपने कार्य दायित्व का निर्वहन करते तो शिविर की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। वहीं राजस्व संबंधी मामलों पर पटवारी द्वारा लोगों को गुमराह किया जाता हैं जिससे ग्रामीण परेशान रहते हैं। ग्रामीण दुर्जन निषाद ने बताया कि बंटवारा को लेकर 1 साल से पटवारी का चक्कर काट रहे हैं लेकिन अभी तक मामले का निराकरण नहीं हुआ है जबकि बटवारा दस्तावेज में तहसीलदार द्वारा प्रकरण को आगे बढ़ाने मार्क कर दिया गया है बावजूद पटवारी द्वारा तकनीकी ख़राबी को कारण बता घुमाया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों ने पटवारी से रुपये मांगने का भी आरोप लगाया गया है। ऐसे ही दर्जन लोग पटवारी की लापरवाही के कारण अपने मामलों को लेकर पटवारी कार्यालय से तहसील कार्यालय का चक्कर लगाने मजबूर हैं। लोगों ने इस लापरवाह पटवारी को हटाकर कर्तव्यनिष्ठ पटवारी को पदस्थ करने की मांग की हैं।
शिविर में स्कूली छात्र छात्राओं से आय जाति निवास फॉर्म के एवज में 40-40 रुपये लेने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा विभाग से मिलें फॉर्म को लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर द्वारा अमान्य बताकर प्रत्येक हितग्राहियों से 40 रुपये लेकर फॉर्म दिया गया। और उसे ही शिविर में लिया गया ऐसे में विभाग के ऊपर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा होता हैं। जब शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को फॉर्म दिया गया तो उसे क्यों नहीं लिया जा रहा। वैसे भी रोज दुकान से फॉर्म लेकर लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आय जाति निवास के लिए आवेदन दिया जा सकता है तो शिविर का क्या औचित्य हैं? इस मामले पर बीईओ एफ एम कोया से बात की गई तो उन्होंने मौके पर आकर लोगों को समझाइश दी और कहा कि इस मामले की जानकारी जिले के उच्च अधिकारियों को दे दी गई हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग से मार्गदर्शन लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी। वहीं शिविर में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है लेकिन शिक्षक नदारद रहें। मामले की जानकारी मिलने पर दौड़ते भागते शिविर स्थल पहुँचे।
तहसीलदार द्वारा नायब तहसीलदार निवेश कुरैठी को इस शिविर का प्रभारी बनाया गया है लेकिन नायब तहसीलदार ही इस शिविर से नदारद रहें। हंगामे की सूचना मिलने के बावजूद साहब शिविर में पहुंचना जरूरी नहीं समझे। ऐसे में राजस्व विभाग द्वारा आयोजित शिविर की लचर व्यवस्था को दर्शाता है। शिविर का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हैं लेकिन नायब तहसीलदार शाम 5 बजे के बाद पहुंचे जब तक लोग जा चुके थे। ऐसे में लोगों के सहूलियत के लिए लगाई गई शिविर सिर्फ दिखावा ही प्रतीत हो रहा है।
इस मौके पर प्रमुख रूप से सरपंच शत्रुहन बारले, सचिव व ग्रामीण दुर्जन निषाद, ग्रामीण गजानंद साहू, चेतन निर्मलकर, रेमसिंह साहू, खिलेश पटेल, दिलीप निषाद, भागवत साहू, मुरारी दास वैष्णव, गोकेश्वर साहू, रामानंद साहू, दिलीप निषाद, घना निषाद, बलिराम साहू, कार्तिक सहित बड़ी संख्या में महिलाएं स्कूली छात्र छात्राए व ग्रामीण उपस्थित रहे।