BREAKING | कपिल सिब्बल ‘हाथ’ का साथ छोड़ ‘साइकल’ पर सवार, राज्य सभा इलेक्शन के लिए भरा नामांकन
1 min readKapil Sibal left ‘Hand’ and rode on ‘Cycle’, filled nomination for Rajya Sabha elections
डेस्क। समाजवादी पार्टी ने अपने राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. डिंपल के अलावा देश के मशहूर वकील कपिल सिब्बल और जावेद अली खान का नाम भी लिस्ट में है. कपिल सिब्बल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे हैं, जबकि जावेद अली खान सपा के खाते से पहले भी राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कपिल सिब्बल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके नामांकन के मौके पर अखिलेश यादव खुद मौजूद रहे.
बता दें कि राज्यसभा की 11 सीट के लिए 24 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी अभी तीन लोगों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है. अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं. इसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है.
कपिल सिब्बल को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब समाजवादी पार्टी की तरफ से उनको राज्यसभा भेजने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. सपा की लिस्ट से पहले ये चर्चा चली थी कि वो झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM के समर्थन से राज्यसभा जा सकते हैं.
जहां तक कपिल सिब्बल की बात है तो माना जा रहा है कि अखिलेश इस मौके को आजम खान की उपेक्षा और रिहा होने के बाद के हावभाव के बीच भुनाना चाहते हैं. आजम खान ने जेल से बाहर आने के बाद कहा था कि मेरे विनाश में मेरे चाहने वालों का हाथ है. ऐसे में अगर सिब्बल सपा की मदद से राज्यसभा जाते हैं तो ये जरूर आजम की नाराजगी दूर करने में कारगर कदम साबित हो सकता है. साथ ही समाजवादी पार्टी को एक बड़ा नेता और कानूनी सलाहकार भी मिल जाएगा.
2016 में, सिब्बल को तत्कालीन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में यूपी से राज्यसभा के लिए चुना गया था, लेकिन अब कांग्रेस के पास राज्य विधानसभा के लिए केवल दो विधायक हैं. वहीं, सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव का मानना है कि एक मुस्लिम नेता को भी राज्यसभा भेजा जाना चाहिए. इसके बाद इमरान मसूद, सलीम शेरवानी और जावेद अली के नाम सामने आए, लेकिन मौजूदा सूची में जावेद अली के नाम पर मुहर लगी है. जावेद अली पहले भी राज्यसभा सदस्य रहे हैं.
11वीं सीट के लिए जोरदार घमासान
उत्तर प्रदेश के विधानसभा में कुल 403 विधायक हैं, जिनमें से 2 सीटें रिक्त हैं. इस तरह से 401 विधायक फिलहाल हैं. ऐसे में एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए. बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक है, जिसके लिहाज से 7 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी. सपा के पास 125 विधायक हैं. उसे 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 11वीं सीट के लिए बीजेपी और सपा सियासी घमासान मचेगा और एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी की कवायद होगी.
देखना है कि बीजेपी और सपा कितने-कितने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरती है, क्योंकि उसी के बाद तय आगे की तस्वीर तय होगी. राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो, कांग्रेस के दो, बसपा के एक विधायक है. जनसत्ता दल के दो विधायकों का समर्थन बीजेपी को मिल सकता है. कांग्रेस और बसपा का किसी भी दल से कोई गठबंधन नहीं होने के कारण वोट देने के लिए आजाद है.