November 23, 2024

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Chhattisgarh | कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम मुदराज ने सीएम से रखी हाथ मिलाने की चाह, बस क्या मुख्यमंत्री ने लगा लिया गले, वीडियो वायरल

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Madkam Mudraj, who was once a Naxalite commander, wanted to join hands with the CM, just what the Chief Minister embraced, the video went viral

रायपुर। मुख्यमंत्री जी आपने सड़क, कैम्प, स्कूलों को सुधारकर नक्सल प्रभावित इलाके की तस्वीर बदल दी है। अब यहां लोगों में नक्सलियों का खौफ नहीं बल्कि आगे बढ़ने की चाहत है, यहां के लोग सरकार की योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं।

दरअसल, ये बात कभी नक्सली के कमांडर रहे मड़कम मुदराज ने कोटा विधानसभा में आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम में CM भूपेश बघेल से कही। सरेंडर नक्सली कमांडर ने कहा मुख्यमंत्री मैं आपसे हाथ मिलाना चाहता हूं। इस पर सीएम ने आत्मीयता से मड़कम मुदराज से मिले। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मड़कम के मुख्यधारा में लौटने पर सराहना की।

सरेंडर करने के बाद कर रहा हूं देश की सेवा –

सरेंडर नक्सली मड़कम मुदराज ने बताया कि वह पहले नक्सली संगठन में था और इस दौरान कई हिंसात्मक घटनाओं में शामिल रहा और न जाने कितने लोगों की जान भी ली, जिसके चलते उसकी नींद उड़ गई थी। एक दिन उसने सरकार के मुख्य धारा से जोड़ने का फैसला लिया और सुकमा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने के बाद मड़कम को पुनर्वास नीति का लाभ देते हुए पुलिस में एसपीओ बनाया गया। उसके बाद वह मेहनत कर आरक्षक बना, उसके बाद एएसआई फिर एसआई व अब DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) स्पेशल फोर्स में इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ है। मड़कम ने कहा कि हाथों में बंदूक पहले भी थी और आज भी है, बस फर्क सिर्फ इतना है कि पहले इस बंदूक से खौफ ग्रामीणों को था, आज नक्सली उनके नाम से कांपते हैं।

दोनों ने एक साथ किया था सरेंडर –

मड़कम ने बताया कि उनकी पत्नी भी उनके साथ नक्सली संगठन में थीं और मड़कम ही उसे ट्रेनिंग देता था, लेकिन दोनों ने तय किया कि अब खून-खराबे की जिंदगी छोड़कर सरकार की मुख्यधारा से जुड़ना है और एक अच्छी जिंदगी जीना है मड़कम ने बताया कि सरेंडर करने के बाद आज वह पुलिस के अच्छे पद पर पहुंच गया है और अच्छी तनख्वाह भी मिल रही है। इस वजह से अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा पा रहे है। उनके तीनों बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ रहे हैं और अच्छी लाइफ स्टाइल जी रहे हैं। अगर नक्सली संगठन में होता तो इन सब चीजों की कल्पना भी नहीं कर सकता था।

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