Fees Of Private Schools In CG | प्राइवेट स्कूल की मनमानी फीस वसूली पर विराम !, राज्य सरकार ने कलेक्टरों दिए इस बात का निर्देश
1 min readArbitrary fee collection of private schools stopped!, the state government gave instructions to the collectors
रायपुर। छत्तीसगढ़ में संचालित किए जा रहे निजी स्कूलों के द्वारा ली जा रही मनमानी फीस पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए राज्य शासन द्वारा राज्य के सभी कलेक्टरों को जिला स्तरीय फीस विनियमन समितियों का गठन करने और छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम-2020 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने जिले के सभी निजी स्कूलों के फीस के संबंध में जानकारी प्राप्त करके अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही करें, जिससे निजी विद्यालयों द्वारा अनियंत्रित तरीके से फीस न बढ़ाई जाए व पालकों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। कलेक्टरों को संदर्भित पत्रों के साथ अधिनियम तथा अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए अधिनियमों की छायाप्रति भी भेजी है।
प्रमुख सचिव डॉ. शुक्ला ने कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि विभिन्न स्रोतों से ऐसी जानकारी मिली है कि अशासकीय विद्यालयों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का पालन किए बिना अपनी फीस में असाधारण रूप से वृद्धि की गई है, जिसके कारण पालकों को कठिनाई का समाना करना पड़ रहा है। उन्होंने जिला कलेक्टरों को अधिनियम की धारा-10 की उपधारा-8 की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि इसमें यह प्रावधान है कि विद्यालय फीस समिति द्वारा एक बार में अधिकतम 8 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है। इससे अधिक फीस की वृद्धि करने के लिए विद्यालय फीस समिति को अपने प्रस्ताव जिला फीस समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
जिला स्तर पर फीस विनियमन समिति द्वारा इस प्रस्ताव पर युक्ति-युक्त निर्णय लिया जाएगा। अधिनियम की धारा-13 के तहत विद्यालय फीस समिति के विरूद्ध अपील सुनने का अधिकार जिला समिति को है। अधिनियम की धारा-4 के अनुसार जिला फीस समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी सचिव है। निजी स्कूलों द्वारा अनियंत्रित तरीके से बढ़ाई फीस को विनियमित करने के लिए जिला कलेक्टरों को अधिनियम में पर्याप्त अधिकार प्राप्त है।