November 6, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

The Kashmir Files | IAS ने द कश्मीर फाइल्स के निर्माता से कहा – मुस्लिमों की हत्याओं पर भी बनाएं फिल्म, वो कीड़े नही, पढ़िए पूरी खबर

1 min read
Spread the love

IAS told the producer of The Kashmir Files – Make a film on the killings of Muslims, they are not insects, read the full news

भोपाल। कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अब इस मामले में मध्य प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी नियाज खान भी कूद गए हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा- ‘निर्माता देश के कई राज्यों में हुई मुसलमानों की हत्याओं पर भी फिल्म बनाएं। मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं।’

गौरतलब है कि द कश्मीर फाइल्स पर आईएएस नियाज खान ने कुछ ट्वीट किए। उन्होंने पहला ट्वीट किया- ‘अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा हूं। ताकि निर्माता कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बना सकें। ताकि अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सके।

ट्वीट कर कही ये बात –

नियाज खान ने दूसरा ट्वीट किया – कश्मीर फाइल ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी एक फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक हैं।

कई किताबें लिख चुके खान –

गौरतलब है कि नियाज खान फिलहाल लोक निर्माण विभाग में उप सचिव के पद पर हैं। वे कई किताबें लिख चुके हैं। खान अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए भी रिसर्च कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस्लाम के बदनाम होने के पीछे कई संगठनों की खराब छवि है।

इन शहरों से निर्माता का खास कनेक्शन –

बता दें, द कश्मीर फाइल्स निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री का मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर भोपाल- ग्वालियर के साथ उत्तर प्रदेश से भी खासा नाता है। विवेक ग्वालियर में पले-पढ़े हैं। उनकी हायर एजुकेशन भोपाल में हुई।

दरअसल, उनके पिता डॉ. प्रभुदयाल अग्निहोत्री ने भोपाल और ग्वालियर में कई दिनों तक पदस्थ रहे। विवेक गलियों, मैदानों पर पत्थर की गोटियों से सितौलिया और कबड्‌डी खेला करते थे। उनके दोस्त ने बताया कि डायरेक्शन देने का शौक तो उन्हें बचपन से था। कोई भी बात होती, वह दोस्तों को डायरेक्शन देने लगता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *