November 1, 2024

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Russia-Ukraine War | भारतीय छात्र नवीन की परिवार से आखरी बात, मौत से कुछ देर पहले युवक ने दादू और पापा से कहा था कुछ ऐसा …

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Indian student Naveen’s last talk with the family, shortly before his death, the young man told Dadu and Papa something like this…

बैंग्लुरू। रूस-युक्रेन के युद्ध ने भारत को भी गहरा जख्म दिया है। भारत का एक होनहार युवा डाक्टर युद्ध की भेंट चढ़ गया। 21 वर्ष नवीन की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मृतक नवीन शेखरप्पा कर्नाटक के हावेरी जिले का रहने वाला है। आज सुबह ही नवीन की पिता से आखिरी बार बार बात हुई थी। पिता शेखर गौड़ा ये कहते-कहते रो पड़ते हैं कि आज सुबह ही उनकी बेटे से बात हुई थी, क्या पता था कुछ घंटे बाद ही उसकी मौत की खबर आ जायेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को नवीन के पिता शेखर गौड़ा से फोन पर बात की और दुख जताते हुए परिवार को सांत्वना दी।

बोम्मई ने कहा, इस दुख की घड़ी में सरकार नवीन के परिवार के साथ है। उन्होंने कहा, यह बड़ा झटका है। ईश्वर नवीन को शाश्वत शांति प्रदान करें। उनके परिवार को दुख सहने की क्षमता दे। बोम्मई ने कहा, नवीन के पार्थिव शरीर को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बात की जा रही है।

इससे पहले दो दिन पहले उसने वीडियो काल से पिता और दादा से बात की थी। पिता ने तब नवीन को सलाह दी थी कि अगर उसके पास भारतीय झंडा हो तो वो उस बिल्डिंग पर फहरा दे, जहां वो ठहरा हुआ है। नवीन के दादा ने उससे कहा था कि सीमा पर सुरक्षित जाने के विकल्प तलाशना मगर बमबारी के बीच कतई बाहर मत निकलना। नवीन के उसके परिवारवालों के साथ ये बातचीत किसी को भी दिल तोड़ने वाली है। ऐसा प्रतीत होता है कि नवीन और अन्य भारतीय छात्र एक बंकर में शरण लिए हुए थे, जहां से केवल दो फीसदी लोग ही सुरक्षित बाहर जा पाए थे। जब उसके पिता ने यह पूछा कि वो क्यों नहीं गया, तो उसने कहा कि काफी भीड़भाड़ था और हालात बेहद नाजुक थे. बातचीत के अंश…

नवीन के पापा:- हैलो, भुवि (नवीन का घरेलू नाम)…कितने लोग अभी तक निकल पाए हैं वहां से

नवीन:- 15 से 20 लड़के मेरे सीनियर्स हैं वो जा पाए हैं

नवीन के पापा:- 15 से 20 सीनियर्स निकल गए हैं अभी तक ऐसा कह रहा है

नवीन के दादा:-भुवि मैं तुम्हारा दादा बोल रहा हूं तुम भी वहाँ से तुरंत निकलने की कोशिश करो, वहाँ से किसी भी तरह निकल जाओ

नवीन:-सब कोशिश कर रहे हैं

दादा:- हां करो क्योंकि दिन ब दिन वहां हालात बिगड़ते जा रहे हैं,

नवीन:- हां

दादा:– हमने मंत्री पीयूष गोयल से बात की है, उन्होंने कहा कि वहाँ थोड़ी परेशानी ज्यादा है किसी तरह कोशिश करके वहाँ से मूव कर जाए तो बचाव सम्भव है, उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने दोनों देशों से बात की है, दोनों देशों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वहाँ पर इण्डियन्स को कुछ नहीं होगा

नवीन:- जी

दादा:– इसीलिए तुम कुछ प्लान करो, इनिशिएटिव लो, सिचुएशन को पूरी तरह पहले देख लो, बमबारी के वक्त बाहर मत निकलना समझे

नवीन:- जी समझ गया

दादा:- कोई ट्रेन बस मिल जाए

नवीन:- हाँ अज्जा इन्फो मिली है कि अब ट्रेन्स चलने लगी है, सुबह 6 बजे 10 बजे और दोपहर 1 बजे की ट्रेन है

दादा:- वहाँ के हालात देखकर ही फैसला लेना, 40-50 KM निकल जाओगे तो कुछ रास्ता निकल मिल जायेगा, लेकिन बिना किसी मदद के अपने आप कोई खतरा मत उठाना

 

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