Russia Ukraine War | छत्तीसगढ़ के 75 बच्चों ने अब तक लगाई मदद की गुहार, हेल्प डेस्क शुरू होते ही लगातार आ रहे कॉल, जानिए क्या कर रही सरकार
1 min read75 children of Chhattisgarh have appealed for help so far, calls are coming as soon as the help desk starts, know what the government is doing
रायपुर। युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार को अभी तक वहां फंसे 75 विद्यार्थियों का ब्यौरा मिला है। सरकार विदेश मंत्रालय से मिल उनकी वतन वापसी की कोशिश में जुटी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, वहां फंसे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों की मदद की कोशिश जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा –
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “यूक्रेन का वर्तमान संकट चिन्ता का विषय है। यूक्रेन में 20 हजार विद्यार्थी फंसे हुए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ राज्य के भी हैं। उनकी मदद के लिए दिल्ली में हेल्प सेंटर प्रारंभ किया है। वहां लोग लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। हम हर स्तर पर मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत सरकार और विदेशी दूतावासों से लगातार सम्पर्क में हैं कि हम अपने विद्यार्थियों को कैसे छत्तीसगढ़ वापस ला सकें।’
मुख्यमंत्री ने कहा, “कूटनयिक चर्चा तो भारत सरकार को करनी होगी। राज्य शासन की ओर से हमने इसके लिए अधिकारी नियुक्त किया है और लगातार सम्पर्क में हैं।’ अधिकारियों ने बताया, केन्द्र सरकार से समन्वय बनाकर छत्तीसगढ़ के नागरिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। यह कार्य भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग और समन्वय के बिना सम्भव नहीं है। फिलहाल केन्द्र सरकार द्वारा यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों को अपने-अपने स्थानों में सुरक्षित रूप से बने रहने की सलाह दी गई है।
बताया जा रहा है, यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय दूतावास में करीब 200 विद्यार्थियों को ठहराया गया है। ये विद्यार्थी कई शहरों से 24 फरवरी की एयर इंडिया की उड़ान पकड़ने आए थे। हवाई सेवा बंद होने और मार्शल लॉ लागू होने के बाद ये लोग कीव में फंस गए। भारत के राजदूत पार्थ सतपथी ने इन विद्यार्थियों से मुलाकात कर सुरक्षित वापसी का भरोसा दिलाया है।
मंगलवार को स्थापित हुआ था छत्तीसगढ़ हेल्पडेस्क –
राज्य सरकार ने मंगलवार को नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में एक हेल्प डेस्क का गठन कर नंबर जारी किया था। अधिकारियों ने बताया, संपर्क अधिकारी गणेश मिश्र, नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन से यूक्रेन में मदद संबंधी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। उनसे लैंडलाइन 01146156000 और मोबाइल नंबर 9997060999 से संपर्क किया जा सकता है। यूक्रेन हेल्पडेस्क का एक फैक्स नंबर 01146156030 भी जारी किया गया है।
हेल्पडेस्क शुरू होते ही मदद के कॉल आने लगे –
छत्तीसगढ़ के संयुक्त आवासीय आयुक्त संजय अवस्थी ने बताया, अब तक 75 विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने हेल्पडेस्क से संपर्क कर मदद मांगी है। 22 फरवरी को उपेन्द्र गुप्ता, अंकित कुमार, जीवनदास रात्रे, राजेश मोदी, मेदनी दुबे, धनेश देवांगन, संत कुमार साहू, अनिल जायसवाल, बी.एस., भूपेन्द्र सिंह, गणेश यादव, संजय, देवेन्द्र कौशिक, नजीब जंग, राजेश सिंह, शिव कुमार पांडे, सुहैल अंसारी, दीपक तामकर, एम. कुमार राव, सुकवंत कौर, बीएस बनाटर, शिवांशु सिंह, कृष्णा खंडेलवाल, टीकेश चन्द्राकर ने सम्पर्क किया था। 23 फरवरी को शेरसिंह तोमर, जी.जी. मंडल, रियाज अंसारी, डॉ. अंजु, गीता शास्त्री, गौरव शास्त्री, संविता घोषाल, एस.पी. द्विवेदी, दिनेश कुमार श्रीवास, विरेन्द्र कुमार तिवारी, राकेश कुमार, नीरा जैन, आयुषश्री बोइदी, इमानुएलजय मस्से ने संपर्क किया।
गुरुवार को सबसे अधिक कॉल आए –
युद्ध शुरू हो जाने के बाद मदद मांगने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई। गुरुवार को रीतु त्रिवेदी, राजेश कुमार, डी.के. सिंह, रानी खंडेलवाल, श्री शर्मा, राहुल कुमार श्रीवास, विकास पुरी, खुर्शीद खान, कृष्णा खंडेलवाल, प्रदीप नारायण खंडेलवाल, सीमा लदेव, फरदीन, रविकांत साव, सजन परिहार, अविनाश पटेल, मयंक पाल, रिजवराम भगत, इन्द्रिश कुरैशी, विश्वकुमार देवांगन, धनेश देवांगन, डॉ. गजभिये, योगेन्द्र पटेल, शिव प्रसाद, अनिल वर्मा, मनोहर भोय, अजय कुमार लाद, रविकांत साव, राजेन्द्र चंद्राकर, सौरभ सिंह, धनेश्वर सरदाल, ओम प्रकाश सिंह, शिव कुमार पांडेय, संतोष शुक्ला, गेनलाल साहू, राहुल मिश्रा, सनत कुमार साहू, मनोज खलहार तथा रघु चैन ठाकुर ने कॉल कर मदद मांगी।
मदद पहुंचाने में प्रवासी छत्तीसगढ़िया भी सक्रिय –
यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों को तक मदद पहुंचाने के लिए अमेरिका और यूरोप में रह रहे प्रवासी छत्तीसगढ़िया भी सक्रिय हो गए हैं। प्रवासी छत्तीसगढ़ियों के संगठन NACHA ने यूक्रेन में रह रहे छत्तीसगढ़ मूल के लोगों के वॉट्सएप और टेलिग्राम ग्रुप में एक मैसेज साझा किया है। उन लोगों ने गुगल डॉक्यूमेंट के जरिए फंसे हुए विद्यार्थियों का ब्यौरा मांगा है। कहा जा रहा है, शुक्रवार सुबह तक वे यह पूरा ब्यौरा छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय को उपलब्ध कराएंगे।
पोलैंड, हंगरी के जमीनी रास्ते से निकालने की योजना –
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, विदेश मंत्रालय यू्क्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए जमीनी रास्ते की योजना पर काम शुरू कर दिया है। पोलैंड, हंगरी, मोलदोवा और रोमानिया के रास्ते विद्यार्थियों और दूसरे नागरिकों को वापस लाने की योजना है। इस योजना पर संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावास भी सक्रिय हो गए हैं। फिलहाल हंगरी और पोलैंड के दूतावासों ने भारतीयों से इस योजना की जानकारी साझा की है। इन रास्तों से वापस आना चाह रहे लोगों से लोगों का ब्यौरा मांगा है। उनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।