Chhattisgarh | तेंदुए का शिकार, चारो पंजे काटकर नाखुन और दांत निकालकर ले गये आरोपी, सनसनीखेज मामला !
1 min readLeopard hunt, the accused took away the nails and teeth by cutting off all four paws, sensational case!
बिलासपुर। बिलासपुर वन विभाग में एक तेंदुए का शिकार किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिकारियों ने तेंदुए का शिकार करने के बाद उसके चारो पंजे काटकर नाखुन और दांत निकालकर ले गये है। तेंदुए का शव 2 दिन पुराना बताया जा रहा है, वही वन विभाग की नाक के नीचे हो रहे ऐसे शिकार पर नकेल कसने के बजाये वन विभाग के जवाबदार अफसर मामला दबाने में जुटे हुए है।
बताया जा रहा है कि सीपत क्षेत्र से लगे हुए बिटकुला-खम्हिरया वन परिक्षेत्र में ग्रामीणों ने सोमवार को तेंदुए का शव देखा, जिसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय वनकर्मियों को इसकी सूचना दी। वन परिक्षेत्र में तेंदुए का शव मिलने की जानकारी के बाद भी अफसरों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। फॉरेस्ट गार्ड दोपहर से शाम तक शव की रखवाली करता रहा। करीब 4 बजे डिप्टी रेंजर हफीज खान मौके पर पहुंचे। फिर रेंजर आलोक नाथ और एसडीओं सुनील बच्चन वहां गए। इसके बाद शाम के वक्त डीएफओं कुमार निशांत भी डॉक्टरों की टीम के साथ पहुंचे।
मौके पर तेंदुए के शव का जब परीक्षण किया गया तो पाया गया कि तेंदुए के पैर के निचले हिस्से यानी कि पंजे का हिस्सा गायब था। उसके दांत को भी तस्करों ने निकाल लिया था। तेंदुए का जिस बेरहमी से शिकार किया गया है। इससे उसके अंगों की तस्करी करने की भी आशंका जताई जा रही है। शिकारियों ने तेंदुए को मारने के बाद उसके चारों पैर को काट दिया। ऐसे में अब वन विभाग के अफसर अपनी इस नाकामी को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि डिप्टी रेंजर हफीज खान को सोंठी सर्किल का प्रभार दिया गया है। अभी उन्होंने मुख्यालय में रहना भी शुरू नहीं किया है। सोमवार को जब फारेस्ट गार्ड ने उन्हें इस घटना की जानकारी दी, तब वे बाहर थे। खबर मिलने के बाद शाम को जंगल पहुंचे, तब रेंजर औरएसडीओं को इसकी सूचना दी गई। लेकिन तब तक शाम हो गई थी।
हैरानी की बात है कि सोंठी सर्किल के जंगल में तेंदुए की लाश मिली है और उससे लगे सीपत सर्किल के डिप्टी रेंजर से भी अफसरों ने इस बात को साझा नहीं किया गया। ऐसे में जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ ही अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठना लाजमी है।
गौरतलब है कि बिलासपुर वन परिक्षेत्र के रेंज में सीपत और सोंठी के जंगल शामिल है। लेकिन यहां पदस्थ रेंजर और अफसर यहां की सुरक्षा को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नही आते। बलौदा और कोरबा क्षेत्र से लगे होने के कारण इस सर्किल में पेड़ों की अवैध कटाई कर इमारती लकड़ी की तस्करी भी धड़ल्ले से की जाती रही है। इसके साथ ही चीतल का शिकार करने की घटनाएं भी कई बार सामने आया है। फिर भी अफसर वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर उदासीन बने हुए है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि तेंदुए के शिकार किये जाने के इस मामले में किस स्तर पर कार्रवाई की जाती है, ये तो आने वााला वक्त ही बतायेगा।