Cg Breaking | शिक्षकों के प्रमोशन पर रोक, हाईकोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, पढ़िए पूरी खबर
1 min readBan on promotion of teachers, High Court took a big decision, read full news
रायपुर। शिक्षकों के प्रमोशन से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। हाईकोर्ट ने शिक्षकों के प्रमोशन पर रोक लगा दी है। हेडमास्टर मीडिल स्कूल और लेक्चरर के पद पर प्रमोशन पर स्टे लग गया है। 2010 में नियुक्त E काडर शिक्षकों की तरफ से हाईकोर्ट में प्रमोशन के प्रावधान को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई थी। आज इस मामले में चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच में सुनवाई हुई, जिसके बाद डबल बैंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए प्रमोशन की प्रक्रिया पर स्टे लगाने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता हेडमास्टरों की तरफ से पैरवी अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने की। हालांकि इस स्टे का असर टी संवर्ग के शिक्षकों पर नहीं आयेगा। वहीं प्राथमिक शिक्षकों के प्रमोशन पर भी शिक्षक एलबी व प्राथमिक प्रधान पाठक पर भी इसका असर नहीं होगा।
दरअसल, प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के लिए साल 2010 में विभागीय प्रावधान लागू किया गया था, वो सीमित परीक्षा देकर मीडिल स्कूल हेडमास्टर बन सकते हैं। विभागीय परीक्षा देकर कई शिक्षाकर्मी हेडमास्टर बन गये, जिन्हें “E काडर” शिक्षक कहा गया, बाकी शिक्षक शिक्षाकर्मी बने रहे। बाद में साल 2018 में राज्य सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लेते हुए शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया, जिन्हें “LB शिक्षक” कहा गया।
अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने बताया कि मौजूदा प्रमोशन प्रक्रिया में राज्य सरकार ने नोटिफाई किया है कि “E काडर” और “LB काडर” से 50-50 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जायेंगे। चूंकि “E कैडर वालों की पोस्टिंग 2010 में हुई थी, जबकि “LB कैडर” 2010 में शिक्षा विभाग में आये और विभाग के नियम के मुताबिक प्रमोशन हर 5 साल में होना है, लिहाजा ई काडर के शिक्षकों ने दो ग्राउंड पर इसे चैलेंज किया था।
पहला ग्राउंड – दोनों शिक्षकों का सोर्स ऑफ रिक्रूटमेंट से आये हैं है, इसलिए अलग-अलग काडर नहीं कर सकते। इस आधार पर 50-50 प्रतिशत का बंटवारा नहीं हो सकता।
दूसरा ग्राउंड- चूंकि शिक्षाकर्मी से ये शिक्षक 2018 में बने हैं, उस आधार पर 5 साल में प्रमोशन के बजाय 3 साल में प्रमोशन का फैसला नहीं लिया जा सकता।
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रमोशन की प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है, वहीं राज्य सरकार से इस मामले में 3 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद मीडिल स्कूल हेडमास्टर और लेक्चरर में होने वाली प्रमोशन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।