कमलनाथ सरकार को एक और झटका, शिवराज सिंह से मिले सपा-बसपा के 2 विधायक
1 min readमध्य प्रदेश के राज परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है. सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 20 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं. साथ ही सूत्रों से ये जानकारी भी मिल रही है कांग्रेस के सात और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं. हालांकि, इस सबके बावजूद कांग्रेस को अपनी सरकार न गिरने का पूरा भरोसा है.
इस्तीफे देने वाले 20 विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल हैं. ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से बाकायदा एक तस्वीर भी जारी की गई है. इन इस्तीफों के साथ ही कमलनाथ सरकार के जाने की पटकथा फाइनल मानी जा रही है. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं विधानसभा स्पीकर से उम्मीद करता हूं कि वो विधायकों के इस्तीफों पर जल्द फैसला लें.
सपा-बसपा विधायकों का भी बीजेपी को समर्थन!
बीजेपी और समाजवादी पार्टी के एक-एक विधायक भी बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं. बीएसपी के विधायक संजीव कुशवाहा और सपा विधायक राजेश शुक्ला शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके घर पहुंचे हैं.
कांग्रेस ने बताया गद्दारी
दूसरी तरफ सिंधिया के इस्तीफे ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है. सिंधिया के इस फैसले को कांग्रेस ने गद्दारी बताया है. लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अब मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. हालांकि, एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया को अब भी पूरा भरोसा है.
सिंधिया के इस्तीफे के बीच कांतिलाल ने भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की. मुलाकात के भूरिया ने भरोसा जताया कि कांग्रेस सरकार मजबूत है और यह चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि किसी के कहने से सरकार नहीं गिरेगी, हमारे पास पर्याप्त संख्या है.
विधानसभा का गणित
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है. इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है. कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल था, जिनमें से 20 ने इस्तीफे दे दिए हैं. यानी अब कांग्रेस के पास 101 विधायकों का ही समर्थन रह गया है. जबकि बीजेपी के पास अपने 107 विधायक हैं.
20 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की संख्या 208 रह जाएगी, जिसके लिहाज से बहुमत के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी. ऐसे में ताजा ताकत के हिसाब से बीजेपी कांग्रेस से आगे है और उसके पास सरकार बनाने का मौका है.