Kharmas 2021 | मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम, आज से सूर्य धनु राशि में, होंगे खरमास आरम्भ
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डेस्क। 15 दिसंबर से सूर्य धनु राशि में, खरमास आरम्भ, मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विरामसूर्यदेव 15 दिसंबर की मध्यरात्रि के बाद 03 बजकर 40 मिनट पर केतु के नक्षत्र ‘मूल’ और बृहस्पति की राशि ‘धनु’ में प्रवेश करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप पौष संक्रांति आरम्भ हो जायेगी और मुंडन, ज्ञोपवीत, शादी-विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग जाएगा। 14 जनवरी 2022 को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे और पुनः सभी तरह के शुभकार्य आरम्भ हो जाएंगे। धनु राशि में गोचर के मध्य सूर्य की शक्ति क्षीण और रश्मियां कमज़ोर पड़ जाती हैं। राशि स्वामी गुरु का तेज भी प्रभावहीन रहता है। स्वभाव में उग्रता आ जाती है, तभी ज्योतिष ग्रन्थों में इस माह को खरमास कहा गया है। सूर्य सभी ग्रहों, राशियों, नक्षत्रों, संवत्सरों, योगों, करणों और मुहूर्तों के अधिपति हैं प्राणियों के शरीर की आत्मा एवं जगतात्मा हैं। जीव की उत्पत्ति में इनका प्रमुख योगदान रहता है।
धनु राशि की यात्रा के मध्य सूर्य की सेवा में उनके रथ के साथ अंशु और भग नाम के दो आदित्य, कश्यप और क्रतु नाम के दो ऋषि, महापद्म और कर्कोटक नाम के दो नाग, चित्रांगद तथा अरणायु नामक दो गन्धर्व सहा तथा सहस्या नाम की दो अप्सराएं, तार्क्ष्य एवं अरिष्टनेमि नामक दो यक्ष, आप तथा वात नामक दो राक्षस चलते हैं। उत्तम स्वास्थ्य, शिक्षा, संतान और यश की प्राप्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रतियोगिता में सफलता व्यापार में कामयाबी और राज्यपद की लालसा रखने वाले, बेरोजगार नवयुवकों अथवा अधिकारिओं से प्रताडित लोगों को प्रातः लाल सूर्य की आराधना करनी चाहिए। बार-बार चोट लगती हो, शरीर में कैल्शियम की कमी हो, दुर्घटना के शिकार अधिक होते हों, अपनी हत्या का भय हो, यदि वे दोपहर ‘अभिजीत’ मुहूर्त में सूर्य की आराधना करें तो उन्हें जीवन पर्यंत इसका भय नहीं रहेगा।
शायंकालीन सूर्य की आराधना करने से प्राणी को जीवनपर्यंत अन्न-जल एवं भौतिक वस्तुओं का पूर्णसुख मिलता है। इनकी आराधना करने अथवा जल द्वारा अर्घ्यने से सभी दोष नष्ट हो जाते हैं पाप नाशक और पुण्य वृद्धि कारक भगवान सूर्य को इस मंत्र- ‘सूर्यदेव महाभाग ! त्र्योक्य तिमिरापह। मम पूर्व कृतंपापं क्षम्यतां परमेश्वरः।को पढ़ते हुए अर्घ्य देने से आयु, विद्या बुद्धि और यश की प्राप्ति होती है।