Cg Political | कंगना के बयान पर दिया रिएक्शन, झीरम जांच रिपोर्ट से नाखुश, दिल्ली से मुख्यमंत्री बघेल की वापसी
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देर रात दिल्ली प्रवास से लौट आए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि कोरोना काल के बाद सोनिया गांधी से पहली बार मुलाक़ात हुई है। उनके बीच क़रीब 40 मिनट तक देश और प्रदेश की राजनीति पर चर्चा हुई। वे प्रियंका गांधी से भी मिले। उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश में संगठन का अच्छा काम चल रहा है। लोगों का रुझान कांग्रेस की तरफ़ बढ़ता जा रहा है। प्रियंका जी के नेतृत्व में जनता कांग्रेस पर विश्वास कर रही है।
केंद्र सरकार के उसना चावल लेने के इनकार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 60 प्रतिशत धान उसना क्वॉलिटी के हैं। पिछले समय केंद्र सरकार उसना को बढ़ावा देती थी। इस नाम से राइस मिल भी बढ़ें और उत्पादन बढ़ाना के लिए उसना क्वॉलिटी का धान लोग बोते रहे। अचानक से इस प्रकार के फ़ैसले से बहुत सारे राइस मिल प्रभावित होंगे। मज़दूर प्रभावित होंगे और जो मिलिंग करके हमें केंद्र को जो चावल देना है, वो भी प्रभावित होंगे। अरवा की एक निश्चित सीमा है। हम लोग दोनों को मिलाकर कर रहे थे। इस प्रकार से केंद्र सरकार के फ़ैसले लेने की वजह से राइस मिलर्स और छत्तीसगढ़ को नुक़सान होना है।
कंगना रनौत के बयान पर उन्होंने कहा कि यह तो सीधा-सीधा उन महापुरुषों, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई लड़ी, जो आंदोलन किए, जेल गए, अंग्रेजों की लाठियाँ खाई, गोली भी खाए, उन महान विभूतियों का, हमारे बुजुर्गों का अपमान है। ये कहते है आज़ादी भीख में मिली थी। इससे ज़्यादा शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता। उनको देश से माफी मंगाना चाहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखी चिट्ठी पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जीएसटी में जो नुक़सान हुआ है। उसी राज्यों को सही ढंग से वितरण होना चाहिए। छत्तीसगढ़ भी इससे प्रभावित हुआ है। ऐसे राज्यों से छत्तीसगढ़ को अलग रखा गया है। जबकि छत्तीसगढ़ इससे प्रभावित है। केंद्र छत्तीसगढ़ को भी वो राशि मिलनी चाहिए।
झीरम नरसंहार मामले की न्यायिक जांच पर अध्यक्ष की नियुक्ति और समय अवधि बढ़ाने पर डॉक्टर रमन सिंह के न्यायालय के अपमान करार देने पर सीएम भूपेश ने जवाब दिया न्यायालय का कौन सा अपमान हुआ। आयोग था, जिसे रमन सिंह की तत्कालीन सरकार ने गठित किया। 20 बार जिसका कार्यकाल बढ़ाया गया। जून के महीने में अंतिम अवसर दिया गया। सितंबर में कहते हैं कि जांच कंप्लीट नहीं हुई। इसी दौरान जस्टिस का आंध्र प्रदेश स्थानांतरण हुआ। इसके बाद मैंने विधि विभाग से अभिमत लिया. इस बीच रिपोर्ट राजभवन में दे दिया गया।
आज जानकारी मिली अधूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई है। रमन सिंह बताएं इसमें न्यायालय की अवमानना कहां हो गई, क्योंकि आयोग की रिपोर्ट पूरी होती, तो राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में रखा जाता। जांच पूरी करने के लिए 2 सदस्य टीम का गठन किया गया है।
वहीं रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर बघेल बोले अधूरी रिपोर्ट है कैसे सार्वजनिक करेंगे। आयोग के सचिव ने लिखा जांच पूरी नहीं है, तो किस के बात को मानेंगे। जो रिपोर्ट सौंपी गई है, वह या आयोग के सचिव द्वारा जो लिखा गया। हमने उसी आधार पर कदम उठाया।विधि विभाग के अभिमत के बाद 2 सदस्य कमेटी बनाई गई है।