November 6, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Big News | एएआई बोर्ड ने 13 हवाई अड्डों के निजीकरण को दी मंजूरी, रायपुर विमानतल का भी नाम शामिल, देखें यहां ..

1 min read
Spread the love

 

रायपुर। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के बोर्ड ने 13 हवाई अड्डों के निजीकरण को मंजूरी दे दी है। यह राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत सरकार की संपत्ति मुद्रीकरण की पहली प्रमुख पहल है। सरकार ने वित्त वर्ष 2024 तक हवाई अड्डों में 3,660 करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य तय किया है।

सूत्रों ने कहा कि एएआई के बोर्ड ने छह प्रमुख हवाई अड्डों- भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर और सात छोटे हवाई अड्डों- झारसुगुड़ा, गया, कुशीनगर, कांगड़ा, तिरुपति, जबलपुर और जलगांव के निजीकरण को मंजूरी दे दी है। इन छोटे हवाई अड्ड़ों को प्रमुख हवाई अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि बड़े निवेशकों को लुभाया जा सके। एएआई बोली दस्तावेज तैयार करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति करेगा, जो परिचालन अवधि और आरक्षित कीमत तय करेगा। ये बोलियां 2022 की शुरुआत में मंगाए जाने के आसार हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब हवाई अड्डों के निजीकरण में छोटे हवाई अड्डों को बड़ों के साथ जोडऩे का मॉडल इस्तेमाल किया जा रहा है।

नीति आयोग द्वारा तैयार राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन दस्तावेज में कहा गया है, ‘लाभप्रद हवाई अड्डों के साथ ही गैर-लाभप्रद हवाई अड्डों का निजी क्षेत्र के निवेश एवं भागीदारी से विकास सुनिश्चित करने के लिए छह बड़े हवाई अड्डों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोडऩे और एक पैकेज के रूप में देने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।’

झारसुगुड़ा हवाई अड्डे को भुवनेश्वर के साथ जोड़ा जाएगा। कुशीनगर एवं गया हवाई अड्डों को वाराणसी के साथ, कांगड़ा को अमृतसर के साथ, जबलपुर को इंदौर के साथ, जलगांव को रायपुर के साथ और त्रिची को तिरुपति हवाई अड्डे के साथ जोड़ा जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जिन संभावित निवेशकों और सलाहकारों से बात की, उन्होंने कहा कि इन हवाई अड्डों के लिए बोलीदाताओं की भागीदारी अच्छी रहेगी। लेकिन मूल्यांकन पर दबाव रहेगा।

उन्होंने कहा कि गया और कुशीनगर के साथ वाराणसी में ज्यादा निवेशक रुचि दिखाएंगे क्योंकि ये तीनों हवाई अड्डे बौद्ध सर्किट पर हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लुभा सकते हैं। क्रिसिल में निदेशक और प्रैक्टिस लीडर (ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक्स) जगन्नारायण पद्मनाभन ने कहा, ‘निजीकरण का यह चरण भारत के हवाई अड्डा क्षेत्र में प्रवेश की इच्छुक कंपनियों के लिए आखिरी मौका हो सकता है। इन संपत्तियों पर प्रतिफल सुनिश्चित है, इसलिए मौजूदा कंपनियां नहीं चाहेंगी कि नई कंपनियां आकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाएं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *