Cg Error In Revaluation | 179 शिक्षकों पर कार्रवाई की गाज, पुनर्मूल्यांकन के पश्चात जांच कार्य में गड़बड़ी उजागर
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रायपुर। कोरोना संक्रमण से शिक्षकों को बचाने माशिम ने उन्हें घर बैठे मूल्यांकन की सुविधा प्रदान कर दी, लेकिन इसके बाद भी ऐसी लापरवाही बरती गई कि छात्रों के अंक थोक में बढ़ गए। अंतत: माशिम ने इन शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। माशिम ने इस शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। इन्हें तीन श्रेणियों में रखा गया है। सभी श्रेणी के शिक्षकों पर भिन्न-भिन्न कार्रवाई की गई है। कोरोना संक्रमण के कारण बीते दो वर्षाें से माशिम ने मूल्यांकन केंद्र बनाने बंद कर दिए हैं। इसके स्थान पर शिक्षकों को कॉपियां घर ले जाने की सुविधा दी गई थी। शिक्षकों को घर पर ही कॉपियां जांचने के बाद अंक माशिम को भेजने थे।
दसवीं-बारहवीं की कॉपियां जांचने वाले 179 शिक्षकों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। इनमें से 21 पर पूरे जीवन मूल्यांकन कार्य के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये शिक्षक अब माशिम द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का हिस्सा नहीं बन सकेंगे। जिन 179 शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है, उनमें से 74 हाईस्कूल के तथा 105 हायर सेकंडरी के हैं। गौरतलब है कि यह माशिम द्वारा की जाने वाली नियमित कार्रवाई है। हालांकि यह पहली बार है, जब घर बैठे मूल्यांकन करने के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड करना पड़ा है।
ये हैं श्रेणियां और कार्रवाई –
प्रथम श्रेणी में उन्हें शिक्षकों को रखा गया है, जिनके द्वारा जांची गई कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन के बाद छात्रों के अंकों में 20 से 40 अंकों की वृद्धि हुई है। दसवीं के 63 तथा बारहवीं के 95 शिक्षक इस श्रेणी में हैं। इन श्रेणी के शिक्षकों को तीन वर्ष के लिए मूल्यांकन कार्य से ब्लैक लिस्टेड किया गया है। दूसरी श्रेणी में 40 से 49 अंक वाले शिक्षकों को रखा गया है। हाईस्कूल के 8 तथा हायर सेकंडरी के 7 शिक्षक इसमें शामिल हैं। इनके आजीवन मूल्यांकन कार्य पर प्रतिबंध लगाया गया है। तीसरी श्रेणी में उन शिक्षकों को रखा गया है, जिनकी द्वारा जांची गई कॉपियों में पुनर्मूल्यांकन के बाद 50 या उससे अधिक अंकों की वृद्धि हुई है। हाईस्कूल व हायर सेकंडरी के 3-3 शिक्षक इसमें शामिल हैं। इन्हें आजीवन ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही एक साल की वेतनवृद्धि भी रोकी गई है।
नियमित कार्रवाई –
यह नियमित कार्रवाई का हिस्सा है। पुनर्मूल्यांकन के पश्चात जांच कार्य में गड़बड़ी उजागर हुई है। इस कारण विभिन्न श्रेणियां बनाकर कार्रवाई की गई है।
– प्रो. वीके गोयल, सचिव, माशिम