November 24, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Cg Big News | बच्चियों से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास, MGM स्कूल का मामला

1 min read
Spread the love

 

भिलाई। शहर के सेक्टर-6 स्थित MGM स्कूल में चार बच्चियों से अश्लील हरकत के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रामचरित मानस की पंक्तियों का जिक्र किया गया। न्यायधीश डॉ ममता भोजवानी ने फैसले में कहा है। अनुज वधु भगिनी सुत नारी, सुनुन सठ कन्या सम ए चारी। इन्हीं कृदृष्टि विलाकई जोई, ताहि बंदे कछु पाप न होई।

इस पंक्ति का अर्थ यह है कि छोटे भाई की पत्नी, बहन, बहू और कन्या ये चारों समान हैं। इन पर बुरी नजर रखने वाले का संहार पाप नहीं है।

क्या है पूरा मामला –

मामला भिलाई सेक्टर-6 MGM स्कूल का है, यहां पांच साल पहले बच्चियों के साथ बाथरुम में अश्लील हरकत करने वाले स्कूल के सफाई कर्मी एस सुनील दास को कोर्ट ने आजीवन कारावास से सजा सुनाई है। इसके साथ पॉक्सों एक्ट के मामले में गंभीरता नहीं दिखाने वाली नर्सरी क्लास की इंचार्ज प्रतिभा होलकर, महिला शिक्षक सुंदरी नायक और स्कूल प्रबंधक साजन थामस को 6-6 महीने की सजा सुनाई। तीनों पर 10-10 हजार की अर्थदंड भी लगाया। स्कूल के डेनियल वर्गीस को 1 साल के कारावास के साथ 20 हजार रुपए के अर्थदंड लगाया। यह अपने तरह का संभवत: पहला मामला है, जब न्यायालय ने आरोपी के अलावा स्कूल प्रबंधन के 4 अन्य लोगों को जिम्मेदार मानते हुए सजा सुनाई है।

क्या हुआ था उस दिन –

दरअसल, घटना वर्ष 2016 की है। चार वर्षीय छात्रा के परिजन ने 25 फरवरी 2016 को थाने में सफाईकर्मी एस. सुनील के खिलाफ शिकायत की थी। बच्चियों ने बताया कि चार पांच दिन से सफाई करने वाले अंकल उसके साथ अश्लील हरकत कर रहे थे। घटना की जानकारी लगने के बाद परिजन सबसे पहले स्कूल प्रबंधन को शिकायत की। परिजन की शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय इंचार्ज प्रतिभा और शिक्षक सुंदरी ने स्कूल में ऐसी घटना होने से इंकार करते हुए परिजन को भगा दिया। जिसके बाद परिजन ने इसकी शिकायत थाने में की। अगले दिन एक केजी 2 की छात्रा के परिजनों की शिकायत पर प्राचार्य डेनियल और प्रबंधक साजन थामस पर केस दर्ज हुआ।

चौथी एफआईआर स्कूल प्रबंधक साजन थामस और प्रिसिंपल डेनियल वर्गीस के खिलाफ –

लोक अभियोजक के मुताबिक चौथी एफआईआर पुलिस ने स्कूल प्रबंधक साजन थामस और प्रिसिंपल डेनियल वर्गीस के खिलाफ दर्ज किया गया। यह एफआईआर इसलिए दर्ज की गई कि परिजन घटना का पता लगने के बाद स्कूल में शिकायत करने गए थे। गंभीर घटना की जानकारी लगने के बाद भी प्रिंसिपल और प्रबंधक ने पुलिस को जानकारी नहीं दी। मामलों को दबाने के लिए स्कूल मैनेजमेंट ने पीड़ितों के परिजन को धमकाकर भगा दिया था। उन पर तोड़फोड़ और गुंडागर्दी करने का आरोप लगाकर केस में फंसाने की धमकी दी।

लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने मीडिया को बताया कि कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि एमजीएम स्कूल जैसे प्रतिष्ठित विद्यालय में नाबालिग बच्चियों के साथ इस प्रकार का जघन्य अपराध कारित होने की इस घटने से संपूर्ण मानवता को शर्मसार किया है। विद्यालय जैसी पवित्र संस्था को लेकर सामान्य जन के मन में एक अविश्वास उत्पन्न किया है। ऐसे में इस निर्णय की प्रति जिला कलेक्टर को भेजी जाए। कोर्ट ने विधि अनुसार अपेक्षित कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। जिससे प्रशासन द्वारा समय रहते उचित एवं आवश्यक कदम यथा स्कूल की कार्यप्रणाली में बच्चों की सुरक्षा की व्यापक जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश का पालन करवाया जाने की बात कही गई है। ताकि जघन्य अपराधों को रोका जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *