बड़ी खबर : शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया इंडिया रैंकिंग-2021, इंजीनियरिंग व प्रबंधन संस्थानों में आईआईटी व आईआईएम का दबदबा, जानें PRSU का स्थान
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नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी इंडिया रैंकिंग-2021 में इंजीनियरिंग व प्रबंधन संस्थानों में आईआईटी व आईआईएम का दबदबा कायम है। टॉप-10 इंजीनियरिंग कॉलेजों में पहले आठ पायदानों पर केवल आईआईटी हैं। टॉप-10 प्रबंधन संस्थानों में भी छह आईआईएम के अलावा तीन आईआईटी हैं। ओवरऑल रैंकिंग में लगातार तीसरी बार आईआईटी मद्रास टॉप पर है। यह इंजीनियरिंग संस्थानों में पहली रैंकिंग से अब तक लगातार छह बार से पहले ही स्थान पर बना हुआ है। वहीं छत्तीसगढ़ में ए ग्रेड की यूनिवर्सिटी शुमार रविवि नेशनल रैंकिंग में पिछड़ गया है। इसे देश के टॉप-100 यूनिवर्सिटी में जगह नहीं मिली है। रैंकिंग के मामले में विवि का प्रदर्शन पिछली बार से भी खराब है।
शिक्षा मंत्रालय ने इस बार 11 श्रेणियों में देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग दी है। रिसर्च कैटेगरी पहली बार जोड़ी गई है। इस श्रेणी में बेंगलुरू का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) टॉप पर है। विश्वविद्यालय श्रेणी में भी आईआईएससी, बेंगलुरू ही पहले पायदान पर है।दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया टॉप-10 विश्वविद्यालयों में शामिल हैं। जामिया ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। वह पिछले साल 10वें पायदान से ऊपर उठकर छठे पायदान पर पहुंच गया है। ओवरऑल रैंकिंग में जेएनयू 9वें पायदान पर है।
विश्वविद्यालय श्रेणी में तो दिल्ली विश्वविद्यालय 12वें पायदान पर है। लेकिन कॉलेज श्रेणी के टॉप-15 में नौ कॉलेज दिल्ली के शामिल हैं। ये सभी डीयू से संबद्ध हैं। खास बात यह है कि टॉप-2 कॉलेज मिरांडा हाउस व लेडी श्रीराम कॉलेज दोनों ही महिला कॉलेज हैं। सेंट स्टीफेंस, हिंदू तथा श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स भी टॉप-10 में ही हैं।
दिल्ली का जामिया हमदर्द देश का टॉप फार्मेसी संस्थान है। मेडिकल संस्थानों में दिल्ली का एम्स, डेंटल कॉलेजों में उडुपी का मणिपाल कॉलेज अव्वल है। लॉ में बेंगलुरू स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी और आर्किटेक्टर में आईआईटी- रूड़की देश में शीर्ष पर है।
संस्थान रैंकिंग में हिस्सा लेने के लिए आगे आएं : प्रधान
रैंकिंग जारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी की। उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत व रोल मॉडल रैंकिंग ढांचा ग्लोबल लर्निंग के क्षेत्र में भारत के योगदान की तरह काम करेगा। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी रैंकिंग न केवल देश बल्कि विश्व स्तर पर भी एक बैंचमार्क के रूप में उभरे। देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को इस रैंकिंग में हिस्सा लेने के लिए आगे आना चाहिए।