November 1, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Cg High Court Verdict | पति को ‘वैवाहिक बलात्कार’ के आरोपों से किया गया मुक्त, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

1 min read
Spread the love

 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि पति द्वारा पत्नी के साथ जबरन बनाया शारीरिक संबंध भी रेप की श्रेणी में नहीं आएगा। अदालत ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान ये फैसला दिया है और पति को ‘वैवाहिक बलात्कार’ के आरोपों से मुक्त कर दिया है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, “कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ पति द्वारा यौन संबंध या कोई भी यौन कृत्य बलात्कार नहीं है, भले ही यह बलपूर्वक अथवा पत्नी के इच्छा के विरुद्ध किया गया हो।”

क्या है वैवाहिक बलात्कार की कानूनी परिभाषा –

बता दें के मैरिटल रेप या वैवाहिक बलात्कार को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में भी केस आया था। इस दौरान केंद्र ने कहा था कि मैरिटल रेप को अपराध की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है।

सामान्य शब्दों में कहें तो वैवाहिक बलात्कार भी घरेलू हिंसा का ही एक विकृत रूप है। इसका अर्थ पत्नी की सहमति के बगैर उसके साथ यौन संबंध बनाना अथवा ऐसा करने के लिए विवश करने से है, लेकिन भारतीय दंड संहिता में पूरी तरह से इसकी व्याख्या नहीं की गई है।

आईपीसी की धारा 376 बलात्कार जैसे दोष के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करता है। आईपीसी की इसी धारा के अनुसार पत्नी से रेप करने वाले पति के लिए सजा का प्रावधान तो है बशर्ते पत्नी की उम्र 12 साल से कम हो। हालांकि यहां ये बता देना भी जरूरी है कि भारत में 12 साल की उम्र में लड़कियों का विवाह बाल विवाह की कैटेगरी में आता है, जो कि स्वयं एक गुनाह है।

IPC की धारा 376 में कहा गया है कि 12 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ पति अगर रेप करता है तो उस पर जुर्माना या उसे दो साल तक की सजा या दोनों हो सकती हैं।

क्या था केस –

इस केस में शिकायतकर्ता आरोपी की कानूनी रूप से विवाहिता है। अदालत ने कहा कि किसी पुरुष द्वारा अपनी ही पत्नी के साथ यौन संबंध, जिसकी आयु अठारह वर्ष से कम न हो, बलात्कार नहीं है। इस मामले में, शिकायतकर्ता आरोपी की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी है, इसलिए आरोपी पति द्वारा उसके साथ यौन संबंध या कोई भी यौन कृत्य बलात्कार का अपराध नहीं माना जाएगा, भले ही वह बलपूर्वक या उसकी इच्छा के विरुद्ध हो।

अप्राकृतिक सेक्स के मामले में चलेगा केस –

हालांकि इस व्यक्ति को अदालत ने वैवाहिक रेप के आरोपों से मुक्त कर दिया है लेकिन इसके खिलाफ अब अदालत में आईपीसी के तहत अप्राकृतिक सेक्स के आरोपों में मुकदमा चलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *