Tokyo Olympics Breaking | 41 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जीता ओलंपिक पदक, रचा इतिहास
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नई दिल्ली । टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीत लिया है। भारत ने कांस्य पदक के लिए हुए मैच में जर्मनी को 5-4 से हरा दिया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के बाद ओलंपिक में पदक जीता है। भारत की ओर से सिमरनजीत सिंह ने 2 जबकि हरमनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और रुपिंदर पाल ने एक-एक गोल किए।
पहला हॉफ –
पहले हॉफ के बाद 3-3 से बराबरी पर रहीं दोनों टीमें
मैच की शुरुआत से जर्मनी ने भारतीय टीम पर दबाव बनाकर रखा और पहले क्वार्टर के दूसरे मिनट में ही गोल कर दिया।
दूसरा क्वार्टर –
दूसरे क्वार्टर में 17वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने गोल करके बराबरी पर ला दिया। इसके बाद भारत ने दमदार वापसी की और दूसरे क्वार्टर में कुल तीन गोल किए। दूसरी और जर्मनी की टीम दूसरे क्वार्टर में 2 गोल कर पाई। पहले हॉफ के बाद दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर रही।
तीसरा क्वार्टर, भारत के पक्ष में रहा तीसरा क्वार्टर –
तीसरा क्वार्टर पूरी तरह से भारत के नाम रहा। दूसरे क्वार्टर की लय को भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में भी बरकरार रखा। मैच के 31वें मिनट में रुपिंदर पाल सिंह ने पेनाल्टी स्टोक्स के जरिए गोल करके बढ़त दिलवाई दी। पहली बार भारतीय टीम ने मैच में बढ़त हासिल की। वहीं मैच के 37वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने मैदानी गोल किया और 5-3 से बढ़त भारत के पक्ष में रही।
ऐसा रहा चौथा क्वार्टर –
चौथे क्वार्टर में विंडफेडर ने पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए गोल करके गोल अंतर को कम कर दिया। आखिरकार मैच 5-4 से भारत के पक्ष में खत्म हुआ।
तीसरी बार भारत ने जीता कांस्य पदक –
ओलंपिक इतिहास में भारत ने हॉकी में अपना 12वां पदक जीता है, जिसमें आठ स्वर्ण, तीन कांस्य और एक रजत पदक शामिल हैं। इससे पहले भारत ने 1968 और 1972 ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीते थे। मैक्सिको ओलंपिक 1968 में हुए कांस्य पदक के मैच में भारत ने जर्मनी को 2-1 से हराया था। वहीं म्युनिक ओलंपिक 1972 में हुए कांस्य पदक मुकाबले में भारत ने नीदरलैंड को 2-1 से हराया था।