November 23, 2024

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Raipur Smog Tower | ज्यादा धूल वाली जगहों पर पानी की फुहार, राजधानी की हवा से जहर खींचेगा स्मॉग टावर

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रायपुर। शहर में वायु प्रदूषण को रोकने और हवा में धूल के कणों को साफ करने नगर निगम जल्द स्माग टावर लगाएगा। इसके साथ ही प्रमुख चौक चौराहों में उड़ने वाली धूल का दबाव कम करने मिस्ड फाउंटेन लगाएं जाएंगे। सालि डवेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत खस्ता हाल सड़कों की मरम्मत व जगह-जगह गड्ढों को पाटने की कार्ययोजना बनेगी। इसके लिए पंद्रहवें वित्त आयोग से कलस्टर बनाकर रायपुर और बीरगांव नगर निगम के लिए 84 करोड़ मंजूर हुए हैं। इसमें पहले व दूसरे किस्त के रूप में नगर निगम रायपुर को 42 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। शर्त ये है, कि इसमें सेंट्रल पाल्युशन बोर्ड के नार्म्स का पालन करते हुए इस राशि को केवल पर्यावरण एवं सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के कंपोनेंट पर ही खर्च करना होगा।

सेंट्रल पाल्युशन बोर्ड के मापदंड अनुसार इस बार शहर में वायु प्रदूषण कम करने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए वायु की गुणवत्ता सुधारने उपकरण खरीदने की तैयारी है। बकायदा इसके लिए निगम मुख्यालय में प्रस्ताव तैयार हो रहा है। स्माक टावर लगाने के साथ ही सड़कों की मरम्मत की जाएगी। आने-जाने वाले मार्ग में खतरनाक गड्ढे पाटे जाएंगे।

धूल धक्कड़ से राहत देने मिस्ड फाउंटेन

शहरवासियों को वातावरण में धूल के कणों से निजात दिलाने और हवा की गुणवत्ता सुधारने के मकसद से रायपुर नगर निगम पंद्रहवें वित्त आयोग से मिली राशि से शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में मिस्ड फाउंटेन लगाएगा। रेल्वे स्टेशन की तर्ज पर इस फाउंटेन से पानी की हल्की फुहार छोड़कर धूल का दबाव कम किया जाएगा। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने हरिभूमि को बताया, मिस्ट फाउंटेन लगाने से पहले शहर के ऐसे चौक-चौराहों का सर्वे किया जाएगा जहां धूल के कण हवा में ज्यादा उड़ते हैं।

प्युरीफायर की तरह काम

स्माॅग टावर प्रदूषित हवा को शुद्ध करने का काम करेगा। यह एयर प्युरीफायर की तरह काम करता है। प्रदूषित हवा को भीतर खींचा जाता है। और उसकी प्रोसेसिंग कर साफ हवा को ऊंचाई तक छोड़ा जाता है। वायु प्रदूषण दूर करने इस तरह के कदम दिल्ली, मुंबई जैसे मेट्रो सिटी मे उठाए गए हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मापदंड अनुसार शहर में अपने तरह का यह अनूठा टावर होगा।

खुले में कचरा जलाने पर लगेगी रोक

शहर की वायु को प्रदूषित करने में प्रमुख कारण खुले में कचरा जलाने की प्रवृति रही है। इसके साथ सालिड वेस्ट निष्पादन के लिए प्लांट लगाने की जरूरत है। आने वाले दिनों में जोन स्तर पर खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाई जाएगी। नियम में कोताही बरतने पर जुर्माने का प्रावधान इसमें शामिल है। निर्माण के दौरान निकलने वाले डिमोलेशन वेस्ट के लिए अलग से प्रोसेसिंग लगाया जाएगा।

शहर में इको फ्रेंडली ई-बसें चलेंगी

राजधानी के पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए आने वाले दिनों में निगम सीमा क्षेत्र में ई-बसें चलाने की योजना बनाई गई है। शुरूआत में इस तरह की 10 ई-बसें चलाई जाएंगी। ये बसें पूरी तरह धुंआ रहित होने के साथ इको फ्रेंडली रहेंगी। मेट्रो सिटी की तर्ज पर इसे संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम की पुरानी कचरा गाड़ियों को ई-वैन के रूप में कनवर्ट करने पर भी विचार किया जा रहा है। शहर में नगर निगम केे सफाई विभाग के पास डंपर, ट्रेक्टर, छोटा हाथी, सहित करीबन 300 कचरा गाड़ी हैं, जो कचरा ले जाते समय काफी धुंआ छोड़ती हैं। खस्ता हाल होने की वजह से डीजल खर्च भी इसमें ज्यादा है। ऐसे गाड़ियों को चिन्हांकित कर नए संसाधन खरीदे जाएंगे।

एक्शन प्लान के अनुरूप करेंगे काम

सेंट्रल पाल्युशन कंट्रोल बोर्ड के नार्म्स के अनुरूप निर्धारित कंपोनेंट को ध्यान में रखते हुए एक्शन प्लांट एप्रूव हुआ है। जिसमें वायु की गुणवत्ता मापने की व्यवस्था टावर लगाए जाएंगे। चौबीस घंटा सातों दिन गुणवत्ता नियंत्रित करने स्मोक टावर लगेगा। ई-गाड़ियों को बढ़ावा दिया जाएगा। कुल मिलाकर एक्शन प्लान के अनुरूप काम किया जाएगा।

– लोकेश्वर साहू, प्रोजेक्ट नोडल अधिकारी, नगर निगम रायपुर

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